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पूर्व क्रिकेटरों ने सचिन,गांगुली और लक्ष्‍मण को सलाहकार बनाये जाने का स्‍वागत किया

नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे संन्यास ले चुके महान खिलाडियों को क्रिकेट सलाहकार समिति में नियुक्त करने के बीसीसीआई के फैसले की सराहना की है और इसे सही दिशा में उठाया गया कदम करार दिया है. तेंदुलकर, गांगुली और लक्ष्मण को यहां बीसीसीआई की नवगठित […]

नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे संन्यास ले चुके महान खिलाडियों को क्रिकेट सलाहकार समिति में नियुक्त करने के बीसीसीआई के फैसले की सराहना की है और इसे सही दिशा में उठाया गया कदम करार दिया है.

तेंदुलकर, गांगुली और लक्ष्मण को यहां बीसीसीआई की नवगठित क्रिकेट सलाहकार समिति में शामिल किया गया जो भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रगतिशील कदम उठाने में बोर्ड और राष्ट्रीय टीम का मार्गदर्शन करेगी. महान स्पिनर इरापल्ली प्रसन्ना ने इसे अच्छा विचार करार दिया और पैनल से अपील की कि वे ऐसे प्रतिभावान स्पिनरों की खोज की दिशा में काम करें जो लंबे समय तक देश का प्रतिनिधत्व कर सकें.

प्रसन्ना ने कहा, यह अच्छा विचार है. उनके हाथ में बड़ी जिम्मेदारी है. मैं भारतीय क्रिकेट पर उत्सुकता के साथ ध्यान देता हूं और मुझे दिखता है कि देश में प्रभावी स्पिन गेंदबाजों की काफी कमी है. अगर गेंदबाजी आक्रमण में अच्छे स्पिनर नहीं हैं तो हमारी टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकती. मैं बिग थ्री से उम्मीद करता हूं कि वे इस पहलू को देखें.

दिग्गज आफ स्पिनर प्रसन्ना साथ ही चाहते हैं कि आयु वर्ग के क्रिकेटर इस तिकडी से नियमित तौर पर बात करें. लक्ष्मण पहले ही बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के विजन 2020 से जुडे हुए हैं जहां वह राज्य के प्रतिभावान युवाओं का मार्गदर्शन करते हैं.

प्रसन्ना के टीम के साथी और 1983 विश्व कप विजेता टीम के विकेटकीपर सैयद किरमानी ने कहा, मुझे खुशी है कि उन्हें सलाहकार समिति में शामिल किया गया है. यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. लेकिन साथ ही किरमानी ने सवाल उठाया कि बीसीसीआई उनके युग के क्रिकेटरों की अनदेखी क्यों कर रहा है जो अब भी खेल के लिए योगदान देना चाहते हैं.

किरमानी ने कहा, इसमें कोई शक नहीं कि बीसीसीआई दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खेल संस्था है और वे अपने पूर्व क्रिकेटरों की देखरेख इस तरह से कर रहे हैं जिस तरह से कोई संघ नहीं कर रहा. लेकिन मोहिंदर अमरनाथ जैसे मेरे युग के अनुभवी क्रिकेटरों को भुला दिया गया जिन्होंने हाल में संन्यास लेने वाले इन खिलाडियों को सिखाया और प्रेरित किया. यही मेरा एकमात्र सवाल है. किरमानी ने हालांकि उम्मीद जताई कि बीसीसीआई भविष्य में उनके युग के पूर्व क्रिकेटरों के लिए दरवाजे खोलेगा.

एक अन्य पूर्व भारतीय विकेटकीपर किरण मोरे ने भी बीसीसीआई के इस कदम की सराहना करते हुए कहा, यह शानदार विचार है क्योंकि वे एक साथ खेले और उनके पास पर्याप्त अनुभव है. भारतीय क्रिकेट के लिए चीजें सही दिशा में जा रही हैं. इस तिकडी के साथ भारत की ओर से खेलने वाले बायें हाथ के पूर्व स्पिनर वेंकटपति राजू का मानना है कि ये खिलाड़ी युवाओं का मनोबल बढ़ा सकते हैं.

राजू ने कहा, हां, मुझे लगता है कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. इन लोगों का अनुभव बहुमूल्य है. वह खेल का हिस्सा रहे हैं और उनका अनुभव मिलना शानदार है और निश्चित तौर पर इससे भारतीय क्रिकेट को मदद मिलेगी. राजू का मानना है कि बिग थ्री के आने से आगामी दिनों में खिलाडियों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी.

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