मेलबर्न : विश्वकप मुकाबले में अभी तक आत्मविश्वास के साथ खेलते हुए भारतीय टीम ने लगातार छह जीत दर्ज की है. कल 19 मार्च को दूसरे क्वार्टर फाइनल में भारत का मुकाबला बांग्लादेश से होगा. भारत ने पिछले एक महीने से शानदार प्रदर्शन करके खुद को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ खिताब के प्रबल दावेदारों में शुमार कर लिया है.
टूर्नामेंट का प्रारूप हालांकि ऐसा है कि असल परीक्षा नाकआउट चरण से शुरू होगी यानी तीन जीत से टीम विश्व कप चैंपियन बन सकती है.भारत के लिए अच्छी बात यह है कि पहले मैच में पाकिस्तान को हराने के बाद उसने लय कायम रखी है. दक्षिण अफ्रीका , संयुक्त अरब अमीरात, वेस्टइंडीज , आयरलैंड और जिंबाब्वे को हराकर भारत ने अंतिम आठ में जगह बनायी.भारत का प्रदर्शन छह मैचों में इतना जबर्दस्त रहा है कि बांग्लादेश के लिए एमसीजी पर जीतने का कोई मौका नहीं दिखता लेकिन फिर क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है. बांग्लादेश ने इंग्लैंड को टूर्नामेंट से बाहर करके अपना जुझारूपन दिखाया है.
बांग्लादेशी टीम ने ही 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी वाली भारतीय टीम को टूर्नामेंट से बाहर किया था. मौजूदा टीम में सिर्फ कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ही उस टीम का हिस्सा थे. खेल के हर विभाग में बांग्लादेशी टीम भारत के आगे उन्नीस ही है. ऐसे में उसे उम्मीद करनी होगी कि भारतीय खिलाडी गलतियां करे जिसका वह फायदा उठा सके. बल्लेबाजी की तुलना करे तो भारत के शीर्ष छह बल्लेबाज दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम का सामना करने में सक्षम है जबकि बांग्लादेशी बल्लेबाज लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते.
रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे अभी तक अच्छी पारी नहीं खेल सके हैं लेकिन वे भी विराट कोहली या सुरेश रैना से कम खतरनाक नहीं हैं. शिखर धवन अभी तक 337 रन बना चुके हैं और फार्म में होने पर किसी भी आक्रमण की धज्जियां उड़ा सकते हैं. कोहली ने अभी तक 301 रन बनाये हैं लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में शतक के बाद वह अच्छी शुरुआत को बडी पारियों में नहीं बदल सके. वहीं रैना ने जिंबाब्वे के खिलाफ शतक जमाकर खोया आत्मविश्वास हासिल किया.
कोहली ने वेस्टइंडीज और जिंबाब्वे के खिलाफ दबाव के हालात में दो उम्दा पारियां खेली. ऐसे में तुलना की जाये तो तामिम इकबाल, इमरुल कायेस, अनामुल हक बेहतरीन बल्लेबाज होते हुए भी भारतीयों के सामने नहीं टिकते.फार्म में चल रहे महमूदुल्लाह ( 344 रन ) भारतीय गेंदबाजों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं जिन्होंने इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक जमाये हैं.मुशफिकर रहीम और शाकिब अल हसन भी आक्रामक पारियां खेल सकते हैं. भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन अभी तक बेहतरीन रहा है. मोहम्मद शमी ने 15 विकेट लिये हैं और उनसे फिर अच्छे आगाज की उम्मीद होगी. उमेश यादव ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और दस विकेट भी चटकाये हैं. आर अश्विन न्यूजीलैंड के खिलाफ महंगे साबित हुए लेकिन अभी तक छह मैचों में बारह विकेट ले चुके हैं.