नयी दिल्ली :भारतीय टीम आम तौर पर जब भी ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जाती है, तो उसका स्वागत घासवाली तेज पिचों से किया जाता है. लेकिन, इस बार नजारा कुछ बदला-बदला सा नजर आ रहा है. टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचनेवाली भारतीय दल भले ही कम अनुभवी हो, लेकिन टीम में मौजूद तेज कुछ तेज गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया खेमे को बेचैन किये हुए हैं.
वरुण एरॉन, इशांत शर्मा, उमेश यादव, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार की भारतीय टीम में मौजूदगी की वजह से ऑस्ट्रेलिया घासवाली पिच बनाने से पीछे हटता दिख रहा है. कंगारू खेमे को डर है कि कहीं उसका यह दावं उल्टा न पड़ जाये. भारत के पांच में से चार तेज गेंदबाज नियमित तौर पर 140 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गेंद फेंकने में सक्षम है. यदि पिच तेज गेंदबाजों के ज्यादा पक्षधर बनायी गयी, तो ये उसका फायदा उठाने में सक्षम हैं. वहीं, भुवी के पास स्पीड भले न हों, लेकिन वह स्विंग गेंदों से कंगारुओं को परेशान कर सकते हैं.
* चोट से परेशान हैं कंगारु
ऑस्ट्रेलिया के नियमित कप्तान माइकल क्लार्क फिट नहीं हैं. पहले टेस्ट मैच में उनके खेलने की उम्मीद कम है. उनकी जगह कप्तानी का जिम्मा संभालने के दावेदार ब्रैड हैडिन भी पूरी तरह फिट नहीं हैं. इन दोनों की गैर मौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया बहुत ज्यादा जोखिम लेने के मूड में नजर नहीं आ रहा है. टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाजी कोच जो डावेस ने भी कहा है कि अगर मददगार पिचें मिली, तो भारतीय तेज गेंदबाज बेहद असरदार हो सकते हैं.
1. वरुण एरॉन : 150 केएमपीच की गति
* मौजूदा समय में देश में उपलब्ध सबसे तेज गति के गेंदबाज हैं वरुण एरॉन
* बार-बार चोटिल होने के कारण अब तक तीन टेस्ट मैच ही खेल पाये हैं वरुण
* तीन टेस्ट मैचों में आठ विकेट लिये, नौ वनडे मैचों में मिले हैं 11 विकेट
* ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों पर कंगारुओं को कर सकते हैं परेशान
2. इशांत शर्मा
* नियमित तौर पर 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार
* 2007-08 में अपने पहले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर किया था उम्दा प्रदर्शन
* 58 टेस्ट मैचों में 178 विकेट
3. उमेश यादव
* उमेश भी 140-145 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार निकालने में सक्षम
* इनके पास बेहतरीन आउट स्विंग है और लय मिलने पर किसी भी बल्लेबाजी क्रम को बिखेर देने की क्षमता है.
* अब तक नौ टेस्ट मैचों में 32 विकेट लिये हैं उमेश यादव ने
4. मोहम्मद शमी : रफ्तार के साथ रिवर्स स्विंग भी
* मोहम्मद शमी नयी गेंद के साथ-साथ पुरानी गेंद से भी घातक हैं. रिवर्स स्विंग उनका बड़ा हथियार है.
* नौ टेस्ट मैचो में 32 विकेट ले चुके हैं मोहम्मद शमी अब तक
* चोटिल होने के बाद वापसी कर रहे हैं. फिटनेस पर रहेगी नजर
– स्विंग गेंदबाजी के साथ सहयोग करेंगे भुवी
वरुण, इशांत, उमेश और शमी की तरह भुवनेश्वर कुमार के पास रफ्तार तो नहीं है लेकिन स्विंग के रूप में उनके पास घातक हथियार है. भुवी हर तरह की परिस्थिति और विकेट पर नयी गेंद के साथ स्विंग हासिल करने में सक्षम हैं. ब्रिस्बेन में उनकी शैली की गेंदबाजी टीम इंडिया के बहुत काम आयेगी.