नयी दिल्लीः टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री की नियुक्ति जांच के दायरे में आ सकती है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को उन्हें कोच के पद पर फिर से नियुक्त करने की जरूरत पड़ सकती है. दरअसल, बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन ने शनिवार को कपिल देव की अगुवाई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को हितों के टकराव के संबंध में नोटिस भेजा है.
इस नोटिस के बाद पूर्व भारतीय कप्तान शांता रंगास्वामी ने सीएसी सदस्य और भारतीय क्रिकेटर संघ (आईसीए) के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया. रंगास्वामी ने पीटीआई से कहा, मेरी कुछ अन्य योजनायें हैं इसलिये मैंने आगे बढ़ने का फैसला किया. सीएससी की वैसे भी एक साल में या दो साल में एक बार ही बैठक होती है इसलिये मुझे टकराव की बात समझ नहीं आती.रंगास्वामी के अलावा सीएसी में कपिल देव और अंशुमन गायकवाड़ शामिल थे.
उन्होंने कहा, सीएसी समिति में होना सम्मान की बात थी. मौजूदा परिस्थितियों में (हितों के टकराव को देखकर) मुझे लगता है कि किसी भी प्रशासनिक भूमिका के लिये उपयुक्त पूर्व क्रिकेटर को ढूंढना कठिन होगा. आईसीए से तो मैं चुनाव होने से पहले ही इस्तीफा दे देती. इसलिये यह समय की बात थी.
रंगास्वामी ने अपना इस्तीफा रविवार को सुबह प्रशासकों की समिति (सीओए) और बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी को ईमेल के जरिये भेजा. बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन ने शनिवार को सीएसी को नोटिस भेजकर मौजूदा भारतीय कोच चुनने वाले पूर्व क्रिकेटरों से उनके खिलाफ लगे हितों के टकराव के आरोपों का जवाब 10 अक्टूबर तक देने को कहा था.
मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन संदस्य संजीव गुप्ता ने इन तीनों के खिलाफ शिकायत दायर की थी जिन्होंने अगस्त में मुख्य कोच के पद पर रवि शास्त्री को चुना था. बीसीसीआई के संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक समय में एक से ज्यादा पद पर काबिज नहीं रह सकता.