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4 साल से तलाश जारी है टीम इंडिया में नंबर 4 के बल्‍लेबाज की

नयी दिल्ली : विश्व कप शुरू होने में अब जबकि केवल ढाई महीने का समय बचा है तब जिस तरह की परिस्थितियां नजर आ रही है उसे देखकर लगता है कि भारतीय टीम प्रबंधन बल्लेबाजी लाइनअप में सबसे महत्वपूर्ण चौथे स्थान को लेकर असंमजस में है क्योंकि पिछले चार साल में उसने जिन 11 बल्लेबाजों […]

नयी दिल्ली : विश्व कप शुरू होने में अब जबकि केवल ढाई महीने का समय बचा है तब जिस तरह की परिस्थितियां नजर आ रही है उसे देखकर लगता है कि भारतीय टीम प्रबंधन बल्लेबाजी लाइनअप में सबसे महत्वपूर्ण चौथे स्थान को लेकर असंमजस में है क्योंकि पिछले चार साल में उसने जिन 11 बल्लेबाजों को (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें वनडे से पूर्व) इस स्थान पर आजमाया वे अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे.

भारत विश्व कप से पहले अपना आखिरी मैच खेलने के लिये फिरोजशाह कोटला मैदान पर उतरा तो उसने चौथे नंबर पर एक नये बल्लेबाज को आजमाना उचित समझा. भारत मैच में चार विशेषज्ञ बल्लेबाजों के साथ उतरा लेकिन इनमें विकेटकीपर ऋषभ पंत भी शामिल हैं.

विजय शंकर की बल्लेबाजी में लगातार सुधार के बाद अब टीम प्रबंधन ने इस आलराउंडर पर चौथे नंबर के बल्लेबाज के रूप में भरोसा जताया है. भारत ने विश्व कप 2015 के बाद जिन बल्लेबाजों को चौथे नंबर पर आजमाया है उनमें से सर्वाधिक 14 मैच अंबाती रायुडू ने खेले हैं.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शृंखला से पहले रायुडू की नंबर चार पर जगह पक्की लग रही थी, लेकिन पहले तीन मैचों में वह केवल 33 रन बना पाये और टीम प्रबंधन ने 30 मई से ब्रिटेन में शुरू होने वाले विश्व कप से पहले के आखिरी दो मैचों में इस नंबर पर किसी अन्य खिलाड़ी को आजमाने का फैसला किया.

मोहाली में खेले गये चौथे वनडे में केएल राहुल को मौका देने के कारण कोहली चौथे नंबर पर उतरे. यह पिछले चार वर्षों में तीसरा मौका था, जबकि कोहली चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे और इन तीन मैचों में वह केवल 30 रन बना पाये. स्पष्ट है कि भारतीय कप्तान को सीमित ओवरों में चौथा नंबर रास नहीं आता और उन्हें तीसरे नंबर पर ही बल्लेबाजी करना भाता है.

रायुडू ऑस्ट्रेलियाई शृंखला से पहले चौथे नंबर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने पिछले विश्व कप के बाद इस नंबर पर 14 मैचों में 42.18 की औसत से 464 रन बनाये. रायुडु के बाद अगर किसी अन्य बल्लेबाज के लिये यह स्थान आदर्श माना जा रहा था तो वह पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी थे. धौनी पिछले चार साल में 12 मैचों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे जिसमें उन्होंने 40.72 की औसत से 448 रन बनाये लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 76.84 रहा.

अंजिक्य रहाणे भले ही भारतीय वनडे टीम का सदस्य नहीं हैं, लेकिन एक समय वह भी चौथे नंबर पर उतरने के दावेदार थे. अब भी उनकी दावेदारी को एकदम से दरकिनार नहीं किया जा सकता है. रहाणे ने विश्व कप 2015 के बाद इस नंबर पर दस मैच खेले जिसमें 46.66 की औसत से 420 रन बनाये. उनका स्ट्राइक रेट भी 92.71 रहा. दिनेश कार्तिक, मनीष पांडे और युवराज सिंह भी पिछले चार वर्षों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे.

युवराज और पांडे ने इस नंबर पर एक एक शतक भी जमाया, लेकिन अन्य मैचों में वे प्रभावित नहीं कर पाये. कार्तिक को दूसरे विकेटकीपर के रूप में वर्तमान शृंखला के लिये टीम में जगह नहीं मिली जिससे उनकी विश्व कप टीम में जगह को लेकर अनिश्चितता बन गयी है. कार्तिक ने पिछले चार वर्षों में चौथे नंबर पर नौ मैचों में 264 रन बनाये. केएल राहुल (चार मैच में 26 रन) और केदार जाधव (चार मैच में 18 रन) ने चौथे नंबर पर सबसे अधिक निराश किया.

हार्दिक पांड्या को पांच मैचों में चौथे नंबर पर उतारा गया, लेकिन वह भी एक पारी (78 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया, इंदौर 2017) को छोड़कर कुछ कमाल नहीं कर पाये. ऐसे हालात में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्व कप 2019 में भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप के लिये सरदर्द बना चौथा स्थान कौन संभालता है, रायुडू, धौनी, विजय शंकर या कोई और.

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