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बाईचुंग भूटिया ने एआईएफएफ अध्यक्ष पद के लिए भरा नामांकन, लेकिन कल्याण चौबे दौड़ में सबसे आगे

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ का चुनाव होने वाला है. दिग्गज फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है. लेकिन रेस में सबसे आगे कल्याण चौबे हैं. कल्याण चौबे को दो राज्य संघों का पूर्ण समर्थन है. ममता बनर्जी के भाई अजीत बनर्जी ने भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है.

नयी दिल्ली : दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया ने शुक्रवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के आगामी चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया जबकि पूर्व खिलाड़ी कल्याण चौबे इस पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं. पूर्व कप्तान भूटिया के नाम का प्रस्ताव राष्ट्रीय टीम के उनके साथी रहे दीपक मंडल ने रखा और मधु कुमारी ने उनका समर्थन किया. मधु कुमारी ‘प्रतिष्ठित’ खिलाड़ी के रूप में मतदाता सूची का हिस्सा हैं.

खिलाड़ियों की सेवा के लिए मैदान में आये भूटिया

बाईचुंग भूटिया ने पीटीआई से कहा, मैंने प्रतिष्ठित खिलाड़ियों के प्रतिनिधि के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है. खिलाड़ियों को अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर मुझे उम्मीद है कि खिलाड़ियों को भारतीय फुटबॉल की सेवा करने का मौका मिल सकता है. हम दिखाना चाहते हैं कि हम न केवल खिलाड़ियों के रूप में बल्कि प्रशासक के रूप में भी अच्छे हो सकते हैं. फुटबॉल दिल्ली के अध्यक्ष शाजी प्रभाकरन ने भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा है.

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ममता बनर्जी के भाई ने भी किया नामांकन

पूर्व खिलाड़ी युगेंसन लिंगदोह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाई अजीत बनर्जी ने भी नामांकन दाखिल किया है. मेघालय फुटबॉल संघ के माध्यम से लिंगदोह ने नामांकन भरा है. वह अभी मेघालय में विधायक हैं. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि शुक्रवार को समाप्त हो रही है. भूटिया की तरह मोहन बागान और ईस्ट बंगाल दोनों के लिए खेल चुके भारत के पूर्व गोलकीपर चौबे शीर्ष पद की दौड़ में आगे दिखायी दे रहे हैं.

कल्याण चौबे को दो बड़े राज्यों का समर्थन

चौबे केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं लेकिन जो चीज उनके पक्ष में है वह यह है कि उनके नाम का प्रस्ताव गुजरात फुटबॉल संघ ने रखा है जबकि अरुणाचल प्रदेश फुटबॉल संघ ने उनके नाम को अनुमोदित किया है. देश के गृहमंत्री अमित शाह गुजरात से हैं, वहीं अरुणाचल के कीरेन रीजीजू कानून मंत्री हैं. एआईएफएफ की कार्यकारी समिति का चुनाव यहां 28 अगस्त को होना है. चौबे एक सामान्य उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे हैं जो उनके पक्ष में जा सकता है क्योंकि विश्व फुटबॉल की संचालन संस्था फीफा प्रतिष्ठित खिलाड़ियों द्वारा देश की शीर्ष संस्था को चलाए जाने के पक्ष में नहीं है.

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चुनाव कराने को लेकर ही फीफा ने लगाया प्रतिबंध

इस हफ्ते की शुरुआत में एआईएफएफ पर फीफा के प्रतिबंध से कुछ घंटे पहले भारत में फुटबॉल का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने फीफा की इच्छा के अनुसार ‘प्रतिष्ठित’ खिलाड़ियों को मतदान का अधिकार दिये बिना खेल निकाय के चुनाव कराने पर सहमति व्यक्त की थी. देश को बड़ा झटका लगा जब फीफा ने मंगलवार को भारत को ‘तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव’ के कारण निलंबित कर दिया और कहा कि अंडर-17 महिला विश्व कप वर्तमान में भारत में पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार आयोजित नहीं किया जा सकता है.

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