Why Hanuman Ji Is Called Sankat Mochan: हनुमान जी केवल बलवान ही नहीं, बल्कि बुद्धिमान और करुणामय भी हैं. कहा जाता है कि जहां भी प्रभु का नाम लिया जाता है, वहां हनुमान जी उपस्थित रहते हैं. उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में साहस, आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ती है. इसलिए संकट की घड़ी में लोग सबसे पहले “जय बजरंगबली” का नाम लेते हैं, क्योंकि वे हर संकट को मोचन करने वाले देवता हैं.
संकटमोचन का अर्थ और उपाधि
“संकटमोचन” शब्द दो भागों से मिलकर बना है संकट यानी परेशानी और मोचन यानी मुक्ति देना. हनुमान जी ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों को हर प्रकार के संकट से मुक्त करते हैं. वे भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं और उन्हें शक्ति, साहस, भक्ति और बुद्धि का प्रतीक माना गया है.
रामायण से जुड़ा महत्व
रामायण में हनुमान जी ने कई बार असंभव कार्य कर दिखाए. जब लक्ष्मण जी मूर्छित हुए, तब हनुमान जी संजीवनी बूटी लाकर उन्हें जीवनदान दिया. लंका दहन कर उन्होंने भगवान राम की सेना को विजय का मार्ग दिखाया. इन अद्भुत कार्यों के कारण उन्हें “संकटमोचन” कहा गया यानी जो असंभव को संभव बना दे.
भक्तों के संकट दूर करते हैं श्री हनुमान
मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से हनुमान चालीसा या “संकटमोचन हनुमानाष्टक” का पाठ करता है, उसके जीवन से सभी संकट दूर हो जाते हैं. कहा जाता है कि हनुमान जी केवल एक बार पुकारने पर भी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. इसीलिए उन्हें “भूत-पिशाच निकट न आवै” वाले देवता भी कहा गया है.
हनुमान जी के पूजन का महत्व
मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है. इस दिन तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन की शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है. यह भी कहा जाता है कि हनुमान जी की कृपा से शनि दोष और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ कब करना चाहिए?
मंगलवार और शनिवार के दिन इसका पाठ करना सबसे शुभ माना जाता है.
क्या हनुमान जी शनि दोष दूर करते हैं?
हां, शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी की पूजा करने से शनि की पीड़ा कम होती है.
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