Unique Temple of India: भारत अपनी विविधता और अनोखे रीति-रिवाजों के लिए पूरे विश्व में मशहूर है. यहां के हर एक राज्य में आपको एक अलग सी धार्मिक आस्था और परंपरा देखने को मिलती है. कहा जाता है कि इन अनोखी परंपराओं और इनसे जुड़ी रोचक कहानियों को संजोकर रखने का कार्य यहां के मंदिर करते हैं. आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि व्यक्ति चाहे अमीर हो या गरीब, बड़े-बड़े शहरों में रहने वाला हो या ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाला—जब वह भगवान के द्वार पर जाता है तो सभी समान होते हैं, कोई बड़ा-छोटा नहीं होता. आप माने या न माने, लेकिन कई हद तक इस बात को सही साबित करने में इन मंदिरों में पालन की जाने वाली रीति-रिवाज, परंपराएं और कहानियां योगदान देती हैं. इस आर्टिकल में हम आपको भारत के एक अनोखे मंदिर की चर्चा करेंगे, जिसकी अनोखी कहानी और परंपराएं आपको हैरान कर देंगी.
करणी माता मंदिर (Karni Mata Temple)
करणी माता मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के बीकानेर जिले में देशनोक में स्थित है. यह मंदिर माता दुर्गा के स्वरूप माता करणी को समर्पित है. इस मंदिर को जो चीज अनोखा बनाती है, वह हैं यहां के अनोखे निवासी. इस मंदिर में आपको हजारों की संख्या में चूहे देखने को मिलते हैं. अनुमान है कि यहां 25,000 से भी ज्यादा चूहे रहते हैं. यहां माता की पूजा के बाद सबसे पहले चूहों को प्रसाद खिलाया जाता है, उसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा जाता है. यदि किसी व्यक्ति का पैर इन चूहों पर पड़ जाता है या किसी व्यक्ति के कारण किसी चूहे की मृत्यु होती है तो इसे पाप माना जाता है.
धार्मिक मान्यता – धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता करणी का सौतेला बेटा लक्ष्मण एक दिन सरोवर से पानी पीने गया, लेकिन पानी में डूबकर उसकी मृत्यु हो गई. जिसके बाद करणी माता ने मृत्यु के देवता यमराज से उसे फिर से जीवित करने की प्रार्थना की. यमराज ने करणी माता के गहरे दुःख को देखकर उनकी बात मान ली, जिसके बाद यमराज ने लक्ष्मण और माता के सभी बच्चों को चूहों के रूप में पुनर्जन्म देने का वरदान दिया.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

