36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Shani Jayanti 2020: आज है शनिदेव जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त में पूजा करने की विधि और शनि दोष से बचने का उपाय

Shani Jayanti 2020: शनि दोष से बचने के लिए करें क्या उपाय. Shani Jayanti 2020: शनि देव बहुत ही धीमी चाल से चलते हैं, ऐसे में जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ भाव में आ जाते हैं तो शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती है.

Shani Jayanti 2020: शनिदेव को क्रूर ग्रह माना जाता है. शनि देव न्याय के देवता हैं, उन्हें दण्डाधिकारी और कलियुग का न्यायाधीश कहा गया है. शनि शत्रु नहीं बल्कि संसार के सभी जीवों को उनके कर्मों का फल प्रदान करते हैं. शनिदेव अच्छे का अच्छा और बुरे का बुरा परिणाम देने वाले ग्रह हैं. शनिदेव का नाम आते ही अक्सर लोग सहम जाते हैं. वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि देव सेवा और कर्म के कारक हैं. इस बार शनिदेव जयंती 22 मई को मनायी जाएगी. ऐसा माना जाता है कि शनि दोष से पीड़ित लोगों को काई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनिदेव का जन्म हुआ था. इसलिए ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही शनि जयंती मनायी जाती है. इस दिन शनिदेव प्रसन्न करने के लिये पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन शनिदेव के प्रकोप के शिकार है तो रूठे हुए शनिदेव को पूजा कर मनाया भी जा सकता है.

शुक्रवार 22 मई को मनाई जाएगी शनि जयंती

इस बार शनि जयंती 22 मई 2020 शुक्रवार के दिन मनायी जाएगी. ज्येष्ठ मास में अमावस्या को धर्म कर्म, स्नान-दान आदि के लिहाज से यह बहुत ही शुभ व सौभाग्यशाली माना जाता है. इस दिन को ही शनि जयंती के रूप में भी मनायी जाती है. शनि जयंती पर विशेष पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

शनि दोष

शनिदेव बहुत ही धीमी चाल से चलते हैं, ऐसे में जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ भाव में आ जाते हैं तो शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती है. इस दौरान शनिदेव 11 मई से उल्टी चाल चल रहे है. इस वजह से लोगों को कई दुख भोगने पड़ते हैं. इसे ही शनि दोष कहा गया है. इसके अलावा, जातक की कुंडली में शनि किस अवस्था में ये भी शनि दोष की ओर संकेत करता है.

ज्येष्ठ अमावस्या क्यों है खास

ग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या को न्यायप्रिय ग्रह शनि देव का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिवस को शनि जयंती के रूप में मनायी जाती है. शनि दोष से बचने के लिये इस दिन शनिदोष निवारण के उपाय विद्वान ज्योतिषाचार्यों के करवा सकते हैं. इस कारण ज्येष्ठ अमावस्या का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है. शनिदेव के जन्म के बारे में स्कंदपुराण के काशीखंड में विस्तार से दिया गया है. उसके अनुसार सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र शनिदेव हैं. सूर्य देव का विवाह संज्ञा से हुआ था और उन्हें मनु, यम और यमुना के रूप में तीन संतानों की प्राप्ति हुई. विवाह के बाद कुछ वर्षों तक संज्ञा सूर्य देव के साथ रहीं लेकिन अधिक समय तक सूर्य देव के तेज को सहन नहीं कर पाईं.

शनि जयंती पर करें ये उपाय

शनि के दोष से बचने या उसका प्रभाव कम करने के लिए शनिदेव पूजा करनी चाहिए और तेल और उड़द का दान करना चाहिए. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं. शनि जयंती के दिन 10 बादाम लेकर हनुमान मंदिर में जाएं. 5 बादाम वहां रख दें और 5 बादाम घर लाकर किसी लाल वस्त्र में बांधकर धन स्थान पर रख दें. माना जाता है कि ऐसा करने से न्याय के दंडाधिकारी शनिदेव भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. इस दिन शनि मंत्र का जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. अगर शनि दोष के कारण शादी में अड़चन आ रही है तो मान्यता के अनुसार 250 ग्राम काली राई, नए काले कपड़े में बांधकर पीपल के पेड़ की जड़ में रख आएं और शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें. यह करने से जल्द ही मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

पूजन का सही शुभ मुहूर्त

शनि जयंती अमावस्या तिथि 21 मई की रात 9 बजकर 40 मिनट पर आरंभ हो जा रही है. अमावस्या का समापन 22 मई की रात 10 बजकर 10 मिनट पर हो जाएगी. शनि जयंती पर्व पूजन शुक्रवार को सूर्योदय से सूर्यास्त एवं 22 मई को रात 10 बजे तक किया जाता है.

इस तरह से करें शनि देव की पूजा

शनि जयंती के दिन ब्राह्म मुहूर्त में गंगाजल मिलाकर जल से स्नान करें, इस दिन उपवास रखने का संकल्प भी ले सकते हैं. सूर्य आदि नवग्रहों को नमस्कार करते हुए सबसे पहले श्रीगणेश भगवान को जल, वस्त्र, चंदन, फूल, धूप-दीप से पूजा करें. इसके बाद एक लोहे का कलश लें और उसे सरसों या तिल के तेल से भर कर उसमें शनिदेव की लोहे की मूर्ति या फिर एक काला पत्थर स्थापित कर, कलश को काले कपड़े से ढंक दें. अब कलश को शनिदेव का रूप मानकर पूजन (आह्वान, स्थापन, आचमन, स्नान, वस्त्र, चंदन, चावल, फूल, धूप-दीप, यज्ञोपवित, नैवेद्य (प्रसाद), आचमन, पान-सुपारी, दक्षिणा, श्रीफल, आरती) आदि पदार्थो से करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें