Shani Dosh Nivaran: यह माना जाता है कि शनि देव का प्रभाव मुख्य रूप से व्यक्ति के कर्म, आचरण और व्यवहार पर निर्भर करता है. जो लोग अनुशासन, ईमानदारी और सेवा जैसे गुणों को अपनाते हैं, उन पर शनि की कृपा विशेष रूप से बनी रहती है. इसलिए शनि संबंधी उपाय सिर्फ पूजन तक सीमित नहीं, बल्कि जीवनशैली में सुधार से भी जुड़े होते हैं.
शनि देव के प्रकोप से बचने के प्रमुख उपाय
काली वस्तुओं का दान करें: काला कपड़ा, काली उड़द, तिल, लोहा, सरसों का तेल आदि दान करना शनि प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है. शनिवार के दिन यह दान करना शुभ होता है.
पीपल के वृक्ष की पूजा: शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाना और परिक्रमा करना शनि शांत करने का पारंपरिक उपाय है. मान्यता है कि इससे ग्रह दोष कम होते हैं और बाधाएँ दूर होती हैं.
तेल का दीपक जलाएं: शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि देव का आशीर्वाद लेने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं. यह दीपक शनि मंदिर या पीपल के नीचे जलाया जा सकता है.
श्री हनुमान चालीसा का पाठ: ज्योतिष मान्यता के अनुसार, शनि देव स्वयं हनुमान जी के भक्त हैं. हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ करने से शनि की पीड़ा कम होती है.
कर्मों में सुधार करें: शनि देव कर्मों के दंडदाता हैं, इसलिए गलत आदतों, क्रोध, आलस्य, झूठ और नकारात्मक सोच को त्यागना बेहद जरूरी है. अच्छे कर्म करने से शनि की साढ़ेसाती भी सकारात्मक परिणाम देती है.
गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें: शनिवार को गरीबों को भोजन कराना, दिव्यांगों की सहायता करना या पक्षियों के लिए दाना-पानी रखना अत्यंत शुभ माना गया है. इससे शनि की कृपा तुरंत मिलती है
शनि मंत्र का जाप: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से मानसिक शांति और ग्रह दोष में राहत मिलती है.
शनि देव को न्याय का देवता क्यों कहा जाता है?
पुराणों में शनि देव को कर्मफलदाता माना गया है, जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं. कहा जाता है कि शनि की दृष्टि व्यक्ति के जीवन में जहां मुश्किलें बढ़ाती है, वहीं मेहनत करने वालों को सबसे जल्दी और सबसे बड़ा फल भी देती है. यही वजह है कि शनि की दशा को नकारात्मक नहीं बल्कि सुधार और सीख का समय माना जाता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस दौरान किया गया हर छोटा प्रयास भी लंबे समय तक सकारात्मक परिणाम देता है.
क्या शनि देव से डरना चाहिए?
नहीं, शनि देव कर्मों के अनुसार फल देते हैं. अच्छे कर्म करने वालों पर उनकी कृपा विशेष रहती है.
शनि की साढ़ेसाती कितने समय तक रहती है?
लगभग साढ़े सात साल, लेकिन इसका प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है.
क्या सिर्फ शनिवार को ही उपाय करने चाहिए?
शनि संबंधित उपाय शनिवार को विशेष प्रभावी माने जाते हैं, लेकिन मंत्र जाप और अच्छे कर्म रोज़ किए जा सकते हैं.
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