29 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Sawan Somvar 2020: साढ़े पांच सौ साल बाद दुर्लभ योग, गुरु, शनि और राहु-केतु के एक साथ वक्री रहते शुरू हुआ सावन, जानिए इस महीने नागपंचमी, रक्षाबंधन समेत 8 प्रमुख व्रत-त्योहार

Sawan Somvar 2020, Vrat, Puja Vidhi, Muhurat, Katha, Niyam, Puja Time, Mantra, Aarti, Shiv Chalisa in Hindi : आज 06 जुलाई दिन सोमवार महादेव का महीना है. आज से महादेव का महीना सावन शुरू हो गया है. इस बार सावन महीने की शुरुवात ही सोमवार के दिन से हुआ है. सोमवार भगवान शिव का प्रिय दिन माना जाता है. आज शिव भक्त पहली सावन सोमवार का व्रत रख कर भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे.

Sawan Somvar 2020: आज से सावन महीना शुरू हो गया. आज सावन महीना का पहला दिन है. ये महीना 03 अगस्त तक रहेगा. इस साल सावन महीने में गुरु, शनि, राहु और केतु चारों ग्रह एक साथ वक्री रहेंगे. 2020 से पहले ऐसा योग 558 साल पहले 1462 में बना था. इस बार सावन महीना सोमवार से शुरू हो रहा है और सोमवार को सावन खत्म होगा. सावन महीना इस बाद सोमवार के दिन से शुरू होने पर इस माह का महत्व और अधिक बढ़ गया है. उत्तर भारत और दक्षिण भारत के पंचांग में भेद भी हैं. दक्षिण भारत, महाराष्ट्र और गुजरात में 21 जुलाई से सावन शुरू होगा और 19 अगस्त को खत्म होगा. जहां उत्तर भारत का पंचांग प्रचलित है, वहां 6 जुलाई से 3 अगस्त तक सावन रहेगा.

साढ़े पांच सौ साल बाद दुर्लभ योग

ज्योतिष के अनुसार 558 साल पहले 1462 में भी गुरु, शनि, राहु-केतु एक साथ वक्री थे और सावन आया था. गुरु स्वयं की राशि धनु में वक्री, शनि अपनी राशि मकर में वक्री, राहु मिथुन में और केतु धनु राशि में वक्री था. ऐसा ही योग 2020 में भी बना है. उस समय सावन 21 जून से 20 जुलाई 1462 तक था.

सावन की प्रमुख तिथियां

इस माह में गणेश चतुर्थी व्रत 8 जुलाई को, कामिका एकादशी 16 को, हरियाली अमावस्या 20 को, हरियाली तीज 23 को, विनायकी चतुर्थी व्रत 24 को, नाग पंचमी 25 को, पुत्रदा एकादशी 30 को और रक्षा बंधन 3 अगस्त को मनाया जाएगा. तीज पर देवी पार्वती, चतुर्थी पर गणेशजी, पंचमी पर नागदेवता, एकादशी पर विष्णुजी, अमावस्या पर पितर देवता और पूर्णिमा पर चंद्रदेव की विशेष पूजा की जाती है.

सावन महीना सोमवार से शुरू और सोमवार को ही होगा खत्म

इस बार सावन महीना सोमवार से शुरू होकर सोमवार को खत्म भी होगा. शिवजी की पूजा में सोमवार का विशेष महत्व है. सावन पांचवां हिन्दी माह है. इसके स्वामी वैकुंठनाथ हैं, और श्रवण नक्षत्र में इसकी पूर्णिमा आने से इसे श्रावण या सावन माह कहा जाता है. श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्रदेव हैं. चंद्र का एक नाम सोम भी है. चंद्रवार को ही सोमवार कहते हैं.

शिवपुराण के अनुसार शिवजी और पार्वतीजी का विवाह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, उस दिन सोमवार ही था. इस साल ये तिथि 19 दिसंबर को रहेगी. रोहिणी नक्षत्र के स्वामी भी चंद्र हैं. चंद्रदेव को शिवजी ने अपने मस्तक पर स्थान दिया है. पार्वतीजी के साथ विवाह सोमवार को होने से और चंद्रदेव का वार होने से भी शिवजी को सोमवार विशेष प्रिय है.

सावन में शिवलिंग पर क्यों चढ़ाते हैं दूध

सावन माह में लगातार बारिश होती है. इस कारण कई तरह के छोटे-छोटे जीवों की उत्पत्ति होती है. कई प्रकार की विषैली नई घास और वनस्पतियां उगती हैं. जब दूध देने वाले पशु इन घासों को और वनस्तपतियों को खाते हैं तो पशुओं का दूध ही विष के सामान हो जाता है. ऐसा कच्चा दूध पीने से हमारे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है. इसीलिए इस माह में कच्चे दूध के सेवन से बचना चाहिए. शिवजी ने विषपान किया था, इस कारण सावन माह में शिवलिंग का दूध से अभिषेक किया जाता है. इस माह हरी सब्जियां खाने से बचना चाहिए, क्योंकि सब्जियों में भी कई तरह के हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु चिपके रहते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

इस विधि से करें पूरे सावन पूजा

– रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. पंचामृत से अभिषेक करें.

– मंत्र ऊँ नम: शिवाय, ऊँ महेश्वराय नम:, ऊँ सांब सदाशिवाय नम:, ऊँ रुद्राय नम: आदि मंत्रों का जाप करें.

– चंदन, फूल, प्रसाद चढ़ाएं. धूप और दीप जलाएं. शिवजी को बिल्वपत्र, धतूरा, चावल अर्पित करें.

– भगवान को प्रसाद के रूप में फल या दूध से बनी मिठाई अर्पित करें. धूप, दीप, कर्पूर जलाकर आरती करें.

– शिवजी का ध्यान करते हुए आधी परिक्रमा करें. भक्तों को प्रसाद वितरित करें.

Rashifal posted by : Radheshyam kushwaha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें