Nirjala Ekadashi 2025 : निर्जला एकादशी का व्रत विशेष रूप से अत्यधिक महत्व रखता है और यह वर्ष में एक बार आता है. इस दिन भक्तों को उपवास करना होता है, जिसमें पानी तक का सेवन नहीं किया जाता. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है, और इसके प्रभाव से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है. यदि आप पहली बार निर्जला एकादशी का व्रत रख रहे हैं, तो कुछ आवश्यक बातें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है:-
– मानसिक और शारीरिक तैयारी करें
निर्जला एकादशी का व्रत पूरी तरह से उपवास का होता है, जिसमें पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है. इस प्रकार के उपवास के लिए मानसिक और शारीरिक तैयारी आवश्यक है. व्रत रखने से पहले अपने शरीर को इस उपवास के लिए तैयार करें. यदि आप बहुत अधिक कमजोर महसूस करते हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही उपवास रखें. मानसिक रूप से भी व्रत को पूरी श्रद्धा और धैर्य से करने का संकल्प लें.
– सूर्योदय से पूर्व स्नान और पूजा
निर्जला एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उबटन, स्नान और शुद्ध कपड़े पहनना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस दिन का व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए होता है, अतः पूजा से पहले शरीर और मन की शुद्धता आवश्यक है. शुद्धता के साथ भगवान विष्णु का ध्यान और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे व्रत का फल उत्तम मिलता है.
– फलाहार का सेवन
कुछ लोग निर्जला एकादशी के दिन केवल फलाहार (फल, मेवा, दूध आदि) करते हैं, जबकि अन्य लोग पूरी तरह से जल भी ग्रहण नहीं करते..यदि यह व्रत पहली बार कर रहे हैं और पूरी तरह से जल न पीने का संकल्प लिया है, तो शरीर को ज्यादा कमजोरी न हो, इसके लिए पहले से थोड़ा हल्का आहार ग्रहण करना अच्छा रहेगा। हालांकि, यह व्रत पूरी तरह से पानी के बिना करना सर्वोत्तम माना जाता है.
– व्रत के दौरान अहिंसा और सत्य बोलना
निर्जला एकादशी का व्रत केवल उपवास तक सीमित नहीं है, बल्कि इस दिन विशेष रूप से अहिंसा, सत्य बोलने, और अपने मन को संयमित रखने की आवश्यकता होती है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन किसी को भी दुख न पहुंचे और न ही किसी से कोई अनर्गल बात की जाए. इस दिन ध्यान रखें कि आपका व्यवहार पूरी तरह से शांति और अहिंसा से भरा हुआ हो.
– व्रत के बाद भोजन का ध्यान रखें
निर्जला एकादशी का व्रत समाप्त होने के बाद भोजन करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए. उपवास के बाद शरीर कमजोर होता है, इसलिए पहले थोड़ा सा फल या हल्का आहार लें. धीरे-धीरे सामान्य आहार की ओर बढ़ें. शास्त्रों में कहा गया है कि व्रत के बाद भारी भोजन से परहेज करें, ताकि शरीर पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े.
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इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए आप निर्जला एकादशी का व्रत सफलतापूर्वक कर सकते हैं और इसके पुण्य का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. यह व्रत भगवान विष्णु की विशेष कृपा को आकर्षित करने वाला होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और पापों का नाश होता है.