21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Navratri 2025 Kalash Sthapana: घर पर कलश स्थापना के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, जानें क्या करें और क्या न करें, ताकि पूजा हो पूरी

Navratri 2025 Kalash Sthapana: नवरात्रि का पावन पर्व मां दुर्गा को समर्पित होता है. इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रहा हैं. नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है. मान्यता है कि अगर कलश स्थापना में गलती हो जाए तो पूजा अधूरी रह जाती है. इसलिए इसे सही विधि और शुभ मुहूर्त में करना बेहद जरूरी है.

Navratri 2025 Kalash Sthapana: नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना करके पूरे नौ दिनों के व्रत और पूजा की शुरुआत होती है. इस बार घटस्थापना के लिए दो शुभ समय बताए गए हैं. पहला मुहूर्त सुबह 6:09 से 8:06 बजे तक रहेगा. दूसरा मुहूर्त अभिजीत काल का है, जो 11:49 से 12:38 बजे तक है. भक्त इन दोनों में से किसी भी समय पर कलश स्थापना कर सकते हैं. मान्यता है कि सही मुहूर्त में कलश स्थापना करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि कलश स्थापना करते समय पूरी श्रद्धा और नियमों का पालन किया जाए. साफ-सफाई, शुद्ध वातावरण और विधि से पूजा से नवरात्रि का फल कई गुना बढ़ जाता है.

कलश स्थापना में न करें ये गलतियां

पूजन स्थल को साफ रखें

घटस्थापना से पहले पूजा की जगह पूरी तरह साफ होनी चाहिए. कलश स्थापित करने से पहले उसके अंदर भी किसी तरह की मिट्टी या गंदगी न हो. कलश के चारों तरफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. कोशिश करें कि रसोई या टॉयलेट के पास कलश न रखें.

खण्डित कलश का प्रयोग न करें

पूजा के लिए कभी भी टूटे या खंडित कलश का इस्तेमाल न करें. एक बार कलश स्थापित हो जाए तो उसे न हिलाएं और किसी अपवित्र हाथ से न छूने दें.

कलश को खाली न छोड़ें

अगर आपने घर में कलश स्थापना की है तो पूरे नवरात्रि के दौरान उस स्थान को खाली न छोड़ें. मान्यता है कि अगर घर का स्थान खाली रहेगा तो देवी प्रसन्न नहीं होती. इस दौरान माता की नियमित पूजा और कलश की देखभाल करना जरूरी है.

तामसिक वस्तुएं हटाएं

घटस्थापना से पहले घर में लहसुन, प्याज या कोई अन्य तामसिक चीजें रखी हों तो उन्हें बाहर कर दें. इससे पूजा शुद्ध और सकारात्मक बनी रहती है.

ऐसे करें कलश स्थापना

पांच आम के पत्तों पर कुमकुम और हल्दी लगाकर उसे कलश में चारों ओर से डालें. और उसके ऊपर नारियल रखना है. इस दौरान ध्यान रखा है कि नारियल को चुनरी से बंधना है. इसके बाद थोड़े से चावल को स्थापना वाली जगह पर रखकर इस कलश को रखना है. इस कलश को देवी मां की मूर्ति के बगल में ही रखना शुभ माना जाता है.

क्यों होती है कलश स्थापना

धर्म के अनुसार किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत कलश स्थापना से की जाती है, जिसमें देवी-देवताओं को बुलाया जाता है. इसी कारण नवरात्रि में व्रत का संकल्प कलश स्थापना के बाद लिया जाता है. कलश स्थापित करने के साथ ही माता दुर्गा का आवाहन किया जाता है और उसके बाद ही नवरात्रि के नौ दिनों में उनके विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि कलश स्थापित होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता बनी रहती है.

Also Read: Navratri 2025: कलश स्थापना के लिए पूरी Puja Samagri List, जानें हर सामग्री के बारे में, ताकि नवरात्रि पूजा हो पूरी और सफल

JayshreeAnand
JayshreeAnand
कहानियों को पढ़ने और लिखने की रुचि ने मुझे पत्रकारिता की ओर प्रेरित किया. सीखने और समझने की इस यात्रा में मैं लगातार नए अनुभवों को अपनाते हुए खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करती हूं. वर्तमान मे मैं धार्मिक और सामाजिक पहलुओं को नजदीक से समझने और लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel