Navratri 2025 Day 3 Maa Chandraghanta Vrat Katha: कल यानी 24 सितंबर को नवरात्रि के महापर्व का तीसरा दिन है. इस दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है. मान्यता है कि विधिपूर्वक इस दिन मां की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मां चंद्रघंटा की आराधना से साहस और आत्मबल का आशीर्वाद मिलता है. घर से नकारात्मकता दूर होती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन मां चंद्रघंटा की कथा सुनने का विशेष महत्व है. इससे मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर कृपा बनी रहती है.
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महिषासुर नाम का एक दानव हुआ करता था. दिन-प्रतिदिन उसका अत्याचार बढ़ता जा रहा था. महिषासुर ने तीनों लोकों में आतंक मचा रखा था. उसका लक्ष्य देवराज इंद्र का सिंहासन प्राप्त करना और स्वर्गलोक पर राज करना था. इसके लिए उसने लंबे समय तक देवताओं के साथ युद्ध किया.
महिषासुर के आतंक से परेशान होकर सभी देवता भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास गए और उन्हें सारी बात बताई. देवताओं की व्यथा सुनकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश क्रोधित हो गए, जिससे उनके मुख से एक दिव्य ऊर्जा प्रकट हुई. इस ऊर्जा से एक देवी का जन्म हुआ. भगवान शंकर ने उन्हें अपना त्रिशूल, भगवान विष्णु ने अपना चक्र, इंद्र ने घंटा, सूर्य ने तेज, तलवार और वाहन स्वरूप सिंह प्रदान किया. मां चंद्रघंटा ने महिषासुर से युद्ध कर उसका संहार किया और देवताओं की रक्षा की. तभी से बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में माता की पूजा की जाने लगी.
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