Navratri 2025: नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा शेर की सवारी करती हैं. दस भुजाओं वाली चंद्रघंटा स्वरूप में देवी एक तरफ कमल और कमंडल तो दूसरी ओर शत्रुओं के नाश के लिए त्रिशूल, गदा और खड्ग जैसे अस्त्र भी धारण करती हैं. इस समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी माना जाता है.
तामसिक भोजन से करें परहेज
व्रत के दौरान तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस, मछली और अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए. यह न केवल शरीर की शुद्धि को बाधित करता है बल्कि मन को भी अस्थिर करता है.
नशे से रखें दूरी
शराब, तंबाकू और धूम्रपान जैसी आदतें व्रत की पवित्रता को नुकसान पहुंचाती हैं. व्रत का उद्देश्य मन और आत्मा की शुद्धि है, इसलिए नशे से पूरी तरह दूर रहें.
भारी और तला-भुना भोजन ना खाएं
तेल वाले भोजन से गैस, कब्ज और आलस्य की समस्या हो सकती है. व्रत के दिनों में हल्का और सुपाच्य भोजन करना ही सही रहता है.
मैदा और रिफाइंड फूड से बचें
पिज़्ज़ा, पेस्ट्री और पैकेज्ड स्नैक्स जैसे मैदा और रिफाइंड वाले भोजन शरीर को भारी और अस्वस्थ बना सकते हैं. इनसे दूरी बनाकर रखें और घर का बना हुआ सादा भोजन लें.
कैफीन और कोल्ड ड्रिंक्स से बचें
चाय, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक जैसी कैफीन वाली चीजें व्रत के दौरान सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं. इनसे परहेज करना बेहतर है.
नकारात्मक भावनाओं से बचें
क्रोध, अहंकार, निंदा और झूठ बोलना व्रत की आध्यात्मिकता को कम करता है. कोशिश करें कि इन दिनों मन को शांत और सकारात्मक बनाए रखें.
शरीर और बालों की देखभाल
व्रत के दौरान दाढ़ी बनवाना, बाल और नाखून काटना वर्जित माना जाता है. यह परंपरा शरीर की पवित्रता बनाए रखने का प्रतीक है.
दिन में नींद से करें परहेज
व्रत के समय दिन में सोने से बचना चाहिए. दिन में नींद लेने से शरीर में आलस्य आता है और साधना का प्रभाव कम हो जाता है.
बाधाएं दूर करती हैं मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा की कृपा से सभी बाधाएं और पाप नस्ट हो जाते हैं, और उपासक शेर की तरह निर्भय बनता है. माता की पूजा करने से भक्त को ज्ञान, शांति, समृद्धि और साहस मिलता है, और मानसिक कष्ट दूर होकर आत्मविश्वास बढ़ता है.

