Kharmas Kab Lagega 2025 Date: हिंदू धर्म में सूर्य देव के गोचर को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन संक्रांति मनाई जाती है. लोग इस शुभ अवसर पर गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, सूर्य देव की पूजा करते हैं और दान-पुण्य करते हैं. सूर्य आमतौर पर हर राशि में करीब 30 दिन रहते हैं और फिर अगली राशि में प्रवेश करते हैं. इसी गोचर से जुड़ा एक खास समय है—खरमास, जिसे धार्मिक दृष्टि से शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है.
खरमास 2025 कब लगेगा?
साल 2025 में सूर्य देव 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य जब धनु या मीन राशि में आते हैं, तभी खरमास शुरू होता है. इस बार सूर्य देव 14 जनवरी 2026 तक धनु राशि में रहेंगे. 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, और इसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी. जैसे ही सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, खरमास समाप्त हो जाता है. इसी तरह जब सूर्य मीन राशि में जाएंगे, अगला खरमास लगेगा.
खरमास क्यों लगता है?
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि धनु और मीन, दोनों ही बृहस्पति (गुरु) की राशियां हैं. बृहस्पति को देवताओं का गुरु और शुभ कार्यों का कारक ग्रह माना जाता है. जब सूर्य इन दोनों राशियों में प्रवेश करते हैं, तो गुरु का प्रभाव कमजोर या लगभग शून्य माना जाता है. इसी कारण इस अवधि में शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण जैसे किसी भी शुभ कार्य को करना मना होता है. इसे ही खरमास कहा जाता है.
खरमास में क्या होता है?
खरमास के दौरान सभी शुभ कार्य स्थगित कर दिए जाते हैं. हालांकि पूजा-पाठ, व्रत, ध्यान और दान करना बहुत शुभ माना गया है. जब सूर्य धनु या मीन से निकलकर अगली राशि—मकर या मेष—में प्रवेश करते हैं, तभी खरमास समाप्त होता है और सभी शुभ कार्य दोबारा शुरू किए जा सकते हैं.

