Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत माताएं विशेष रूप से अपने संतान की रक्षा और लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं. इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है. मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में इस व्रत को बड़ी आस्था के साथ माताएं रखती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को सही तरह से सारी सावधानियों और नियमों का पालन कर किया जाए तो संतान को दीर्घायु, अच्छा स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि इस व्रत के दौरान कुछ गलतियां हो जाएं तो उसका नकारात्मक असर भी हो सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं जितिया व्रत के दौरान कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए.
व्रत के बीच पानी या भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए
जितिया व्रत में महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं. धार्मिक मान्यता है कि व्रती को व्रत पूरा होने तक पानी और अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए. व्रत के दौरान किसी भी चीज का सेवन करने से व्रत टूट जाता है और अधूरा रह जाता है. इससे व्रत का फल नहीं मिलता और नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है.
जितिया धागा पहनाते समय रखें सावधानी
जितिया व्रत में संतान को सुरक्षा के लिए जितिया का धागा पहनाया जाता है. इस धागे को सही समय और सही विधि के साथ पहनाना जरूरी है. गलती से गंदे या टूटे धागे का प्रयोग करना अशुभ माना जाता है.
क्रोध, झगड़ा और अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए
मान्यता है कि व्रत के दौरान व्रती को क्रोध और झगड़ा नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ होता है. कहा जाता है कि इस दिन व्रती के विचार, वाणी और आचरण का सीधा असर संतान पर पड़ता है.
तामसिक भोजन से परहेज
इस व्रत के दौरान घर में प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन बिल्कुल वर्जित है. व्रती परिवार को भी सात्विक भोजन ही करना चाहिए.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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