Aja Ekadashi 2021: हिंदू धर्म में भाद्रपद एकादशी का विशेष महत्व है. भादो मास में पड़ने वाली एकादशी तिथि को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है. अजा एकादशी 2 सितंबर दिन गुरुवार को पड़ रही है. इस एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है. मान्यता है कि अजा एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा व व्रत रखने पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और समस्त कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, अजा एकादशी के दिन श्रीहरि का नाम जपने से पिशाच योनि का भय नहीं रहता है. आइये जानते हैं ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से जया एकादशी से जुड़ी पूरी डिटेल्स…
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अजा एकादशी – 2 सितंबर दिन गुरुवार 2021
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एकादशी तिथि प्रारंभ – 1 सितंबर 2021 दिन बुधवार की रात्रि में 1 बजकर 46 मिनट पर
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एकादशी तिथि समाप्ति – 2 सितंबर 2021 दिन शुक्रवार की सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर
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व्रत पारण का समय 3 सितंबर दिन सुबह 6 बजकर 30 मिनट से सुबह 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगा
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इस दिन व्रती को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए.
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भगवान विष्णु की मूर्ति, प्रतिमा या उनके चित्र को स्थापित करना चाहिए.
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भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए.
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पूजा के दौरान भगवान कृष्ण के भजन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए.
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प्रसाद, तुलसी जल, फल, नारियल, अगरबत्ती और फूल देवताओं को अर्पित करने चाहिए.
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पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए.
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अगली सुबह यानि द्वादशी पर पूजा के बाद भोजन का सेवन करने के बाद जया एकादशी व्रत का पारण करना चाहिए.
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अजा एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए
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अजा एकादशी व्रत में रात को सोना नहीं चाहिए
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व्रती को पूरी रात भगवान विष्णु की भाक्ति,मंत्र जप और जागरण करना चाहिए.
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एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी चोरी नहीं करनी चाहिए.
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इस दिन क्रोध और झूठ बोलने से बचना चाहिए।.
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एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और शाम के समय सोना नहीं चाहिए.
Posted by: Radheshyam Kushwaha