Garud Puran: गरुड़ पुराण में प्रेम में धोखा देना पाप माना गया है. कहा जाता है कि प्रेम का रिश्ता सबसे ज्यादा पवित्र होता है. जब हम जन्म लेते हैं तभी से हम अनेक रिश्तों के बंधन में बंधे हुए होते हैं. लेकिन प्रेम का रिश्ता मात्र एक ऐसा रिश्ता होता है जिसे हम खुद से चुनते हैं. प्रेम में हम अपना विश्वास, समय किसी अन्य व्यक्ति को देते हैं. उनकी इच्छा और ख्वाहिशों को खुद से पहले रखते हैं. उनकी खुशी हमारे लिए सबसे ऊपर होती है. ऐसे में जब प्रेम के नाम पर सामने वाला आपको धोखा दे और आपके भावनाओं के साथ खिलवाड़ करे तो बहुत पीड़ा होती है. गरुड़ पुराण में ऐसा करने वालों के लिए कठोर सजा है.
प्रेम में धोखा देने पर गरुड़ पुराण में क्या सजा मिलती है?
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति प्रेम में धोखा देता है उन्हें तामिस्र नरक, महातामिस्र नरक और रौरव नरक भेजा जाता है. इसके साथ अगले जन्म में उनका जन्म पशु योनि में होता है. इसके अलावा ऐसे लोगों को अपने जीवनसाथी से 7 जन्मों तक वियोग सहना पड़ता है.
रौरव नरक में आत्मा को कौन सी सजा मिलती है?
प्रेम में धोखा देने वालों की आत्मा को रौरव नरक में रुरु नामक अतिशक्तिशाली और खूंखार जीव नोचता है. यह सजा आत्मा को हजारों-लाखों सालों तक मिलती है, जिससे उन्हें बेहद कष्ट होता है.
महातामिस्र नरक में प्रेम में धोखा देने वालों को क्या सजा दी जाती है?
महातामिस्र नरक में ऐसे लोगों को भूखा-प्यासा रखा जाता है, जिससे उनकी आत्मा बहुत ज्यादा तड़पती है.
अन्य कठोर सजाएं
- इसके अलावा ऐसे लोगों को नरक में लोहे की गर्म भालों को शरीर पर लगाया जाता है, जिससे उन्हें बेहद कष्ट होता है.
- अन्य प्रेमिका को छोड़कर किसी अन्य स्त्री के साथ संबंध बनाने वाले लोगों को अगले जन्म में नपुंसक बनाया जाता है. इसके अलावा पशु योनि में अगला जन्म मिलता है.
- अपने प्रेमी को छोड़कर किसी अन्य पुरुष के साथ संबंध रखने वाली स्त्री अगले जन्म में छर्रगार और दो मुंह वाली सांप के रूप में जन्म लेती है.
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