Chhath Puja 2024 in Bihar: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ पूजा का उत्सव मनाया जाता है. छठ महापर्व बिहार में काफी प्रचलित है, इसके अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी इस त्योहार को श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है. यह महापर्व चार दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है. छठ पूजा का प्रमुख व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है. यहां जानें किस दिन से शुरु होने जा रहा है छठ महापर्व.
छठ पूजा 2025 कैलेंडर
नहाय-खाय: 25 अक्टूबर, शनिवार
महिलाओं द्वारा नदी में स्नान और सात्विक भोजन.
आगामी तीन दिन के व्रत और पूजा के लिए मानसिक व शारीरिक तैयारी.
खरना: 26 अक्टूबर, रविवार
शाम को रोटी, गुड़ की खीर और फल का भोग.
प्रसाद ग्रहण के बाद निर्जला व्रत की शुरुआत.
सूर्य षष्ठी (मुख्य छठ पूजा): 27 अक्टूबर, सोमवार
शाम को घाट पर जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य.
छठ मईया की गीत-संगीत और विधिपूर्वक पूजा.
सूर्योदय अर्घ्य: 28 अक्टूबर, मंगलवार
सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य और संतान की लंबी आयु, परिवार की सुख-समृद्धि की कामना.
36 घंटे तक चलने वाला व्रत इसी दिन समाप्त होता है.
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सबसे कठिन व्रतों में से है छठ महापर्व का व्रत
छठ महापर्व का व्रत को अत्यंत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. इस पूजा की शुरुआत पहले दिन नहाय-खाय से होती है. दूसरे दिन लोहंडा और खरना का आयोजन किया जाता है. तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस व्रत का पारण किया जाता है. इसके बाद इस महापर्व का समापन होता है. आइए, जानते हैं कि इस वर्ष छठ पूजा कब से प्रारंभ हो रही है.
छठ पूजा का प्रसाद भी है विशेष
इस पूजा के दौरान ठेकुआ, मालपुआ, चावल के लड्डू, फलों और नारियल को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. सबसे पहले, इन सभी वस्तुओं को सूर्य देव और छठी मैय्या को समर्पित किया जाता है.
छठ पूजा में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
छठ पूजा में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि खरना के दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक निर्जला व्रत का पालन किया जाता है. इस दिन सूर्योदय सुबह 06:37 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त का समय शाम 05:32 बजे तक रहेगा.

