Chandra Grahan Precautions During Pregnancy, Chandra Grahan 2020 Date & Time, Shubh Muhurat: कार्तिक पूर्णिमा की शुभ तिथि रविवार को दोपहर 12.30 बजे से शुरू हो चुकी है और आज दोपहर 2.25 बजे तक मनायी जायेगी. वहीं, आज, 30 नवंबर को साल का अंतिम चंद्रग्रहण भी लगने जा रहा है. जो कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक रहेगा. दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर यह अपने चरम पर रहेगा. ऐसे में रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में पड़ने वाला यह चंद्रगहण उपछाया चंद्रग्रहण है. आइये जानते हैं इस दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, प्रेगनेंट महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए, खान-पान को लेकर भी कई मान्यताएं है. जानें सब विस्तार से...
क्योंकि कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला यह ग्रहण रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में पड़ने वाला है. ऐसे में वृषभ राशि वालों को थोड़ा संभल कर रहने की जरूरत है. . धर्म शास्त्रों के अनुसार सूतक (Sutak Kaal) ग्रहण के 9 घंटे पहले लग जाता है. लेकिन, क्योंकि यह ग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण है. ऐसे में हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व नहीं होता है. अर्थात इसका सूतक काल नहीं होता. फिर भी गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. आइये जानते हैं..
चंद्रग्रहण के दौरान बरते ये सावधानियां
ग्रहण के दौरान खासकर गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलना वर्जित होता है.
ऐसी मान्यता है कि इस दौरान यदि व ग्रहण देख लेंगी तो इसका सीधा और नकारात्मक असर बच्चे के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है.
बच्चे का जन्म लाल चक्रों या धब्बे के साथ हो सकते है साथ ही साथ अन्य त्वचा संबंधी रोग भी संभव है.
गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपने पास नुकीली चीजें रखनी चाहिए. इसके लिए वे चाकू, कैंची, सुई आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे शिशु व गर्भवती महिला की दोनों पर ग्रहण का काला साया नहीं पड़ता है.
हालांकि, नुकीली चीजें रखने समय यह ध्यान देना जरूरी है कि इससे शरीर के किसी अंग को हानि न पहुंचे.
ग्रहण के दौरान बचा हुआ खाना भी नहीं खाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण की हानिकारक किरणों से भोजन दूषित हो जाता है.
ऐसे में ग्रहण से पूर्व बचे हुए खाने में तुलसी पत्ता डालकर खाना न भूलें. हिंदू धर्म में तुलसी पत्ते का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि तुलसी पत्तों को डालने से भोजन शुद्ध हो जाता है.
धार्मिक मामलों के जानकारों की माने तो ग्रहण के दौरान उसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए तुलसी के पत्ते को जीभ में रखकर दुर्गा पाठ याा हनुमान चालीसा जरूर जपना चाहिए. इससे हानिकारक या फिर बुरी शक्तियां आसपास नहीं भटकती है.
त्वचा संबंधी रोग ना हो या ग्रहण के दुष्प्रभाव को हटाने के लिए चंद्रग्रहण के बाद स्नान करना न भूलें.
क्योंकि ग्रहण इस बार 4 घंटे से ज्यादा समय के लिए लग रहा है इसलिए इस कोरोना काल में मरीज या बुजुर्ग व्यक्ति लंबे समय के लिए व्रत करने से या भूखे पेट रहने से बचें. प्रेगनेंट महिलाओं को इस महामारी में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. आपको बता दें कि डॉक्टर भी गर्भवती महिलाओं को थोड़े अंतराल में कुछ-कुछ सेवन करने को बोलते हैं.
भारत में किन शहरों में दिखेगा चंद्रग्रहण
भारत के कुछ उत्तरी और पूर्वी हिस्सों से में उपछाया चंद्रग्रहण दिखने वाला है. ड्रिकपंचांग के अनुसार, इसे आंशिक रूप से पटना, रांची, कोलकाता, लखनऊ, वाराणसी और भुवनेश्वर समेत अन्य स्थानों पर देखा जा सकता है.
झारखंड के बोकारों जिला में 22 मिनट 48 सेकेंड दिखेगा ग्रहण
वराणसी में 13 मिनट 7 सेकेंड ही दिखई देखा चंद्र ग्रहण
Posted By: Sumit Kumar Verma