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जय अम्बे गौरी…,नवरात्रि के पहले दिन जरूर करें मां दुर्गा की आरती

आज देवी दुर्गा की पूजा के लिए सबसे पहले कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में की जाएगी. उसके पश्चात दुर्गा सप्तशती के पाठ और आरती के साथ पूरे नौ दिन मां के नौ स्वरूपों की आराधना देशभर में की जाएगी. प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर रामनवमी तक मां दुर्गा का यह पर्व मनाया जाएगा. नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग स्वरूप की पूजाकी जाती है.नवरात्र के पहले दिन माता दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-उपासना की जाती है.इस बार नौ दिनों तक मां की आराधना होगी. किसी भी तिथि की घटी-वृद्धि नहीं है, इसलिए इसे शुभ माना जा रहा है. मां को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को आज माता गौरी की यह आरती जरूर करनी चाहिए-

आज देवी दुर्गा की पूजा के लिए सबसे पहले कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में की जाएगी. उसके पश्चात दुर्गा सप्तशती के पाठ और आरती के साथ पूरे नौ दिन मां के नौ स्वरूपों की आराधना देशभर में की जाएगी. प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर रामनवमी तक मां दुर्गा का यह पर्व मनाया जाएगा. नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग स्वरूप की पूजाकी जाती है.नवरात्र के पहले दिन माता दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-उपासना की जाती है.इस बार नौ दिनों तक मां की आराधना होगी. किसी भी तिथि की घटी-वृद्धि नहीं है, इसलिए इसे शुभ माना जा रहा है. मां को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को आज माता गौरी की यह आरती जरूर करनी चाहिए-

माता की आरती-

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी। जय अम्बे गौरी… ।।

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को,

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥ जय अम्बे गौरी… ।।

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै,

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥ जय अम्बे गौरी… ।।

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी,

सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥ जय अम्बे गौरी… ।।

कानन कुण्डल शोभित, नासा गज मोती,

कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥ जय अम्बे गौरी… ।।

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती,

धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥ जय अम्बे गौरी… ।।

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे,

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥ जय अम्बे गौरी… ।।

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी,

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥ जय अम्बे गौरी… ।।

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों,

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥ जय अम्बे गौरी… ।।

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,

भक्तन की दुख हरता, सुख संपति करता॥ जय अम्बे गौरी… ।।

भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी,

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी॥ जय अम्बे गौरी… ।।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती,

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥ जय अम्बे गौरी… ।।

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे,

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥ जय अम्बे गौरी… ।।

Prabhatkhabar.com की तरफ से आप सबों को हिंदू नूतन वर्ष व चैत्र नवरात्र की अनेकों शुभकामनाएं. इस नवरात्र व नव वर्ष में हम आपके बेहतर सेहत की कामना करते हैं और देश के लिए चुनौती बने कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए अपने – अपने घरों में ही सुरक्षित रहने का निवेदन करते हैं.

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