Ahoi Ashtami 2025 Vrat Samagri: अहोई अष्टमी का पर्व भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह पर्व हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं संतान प्राप्ति की कामना और माताएं अपनी संतान की लंबी आयु एवं सुरक्षा के लिए व्रत रखती हैं. पर्व के दौरान महिलाएं व्रत रखकर माता अहोई की आराधना करती हैं. व्रत के समय कुछ आवश्यक नियमों का पालन करना जरूरी होता है ताकि पूजा बिना किसी गलती के पूर्ण और सफल हो.
अहोई अष्टमी पूजा सामग्री (Ahoi Ashtami Puja Samagri)
- अहोई माता की तस्वीर
- शृंगार का सामान (माता को अर्पित करने के लिए)
- गंगाजल
- कलश
- करवा (छोटा घड़ा)
- फल
- अगरबत्ती
- फूल
- धूपबत्ती
- घी
- दिया
- रोली
- कलावा (मौली धागा)
- अक्षत (चावल)
- सूखा आटा (चौक बनाने के लिए)
- दूध
साल 2025 में अहोई अष्टमी कब मनाई जाएगी?
इस साल अहोई अष्टमी की शुरुआत 13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से हो रही है. इसका समापन 14 अक्टूबर 2025 को सुबह 11 बजकर 9 मिनट पर होगा. यही कारण है कि इस साल अहोई अष्टमी का पर्व 13 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा.
अहोई व्रत का महत्व क्या है?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अहोई अष्टमी व्रत करने से संतान को दीर्घायु और अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है. साथ ही जीवन में खुशहाली बनी रहती है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं और सकारात्मकता आती है.
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