सद्गुरुश्री स्वामी आनंद जी
ज्योतिषीय सवाल-जवाब पर आधारित यह नया कॉलम आपकी समस्याओं का समाधान बतायेगा. इसके लिए पाठकों के सवाल आमंत्रित हैं.
Qमुझे घर में हमेशा एक भय सताता रहता है. क्या कारण हो सकता है?
गरिमा अवस्थी, झरिया
वास्तु के नियमों के अनुसार गृह में घबराहट के सूत्र घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में छुपे हो सकते हैं. इस कोण यानी नैऋत्य के हल्का होने से यहां निवास करने वालों में बेचैनी, डर, घबराहट, असुरक्षा और आत्मविश्वास में कमी का भाव जन्म लेता है. आप इस कोण को वार्डरोब, बुकसेल्फ, हैवी फर्नीचर, पहाड़ या ऊंची इमारतों के चित्र अथवा पेंटिंग से भार प्रदान करके इस घबराहट से निर्मुक्त हो सकते हैं.
Qक्या मंत्र कष्टों को दूर करने में वाकई कारगर होते हैं?
– निशिकांत दास, नवादा
आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति के आज के सुख, आनंद, विषाद और कष्ट के सूत्र उसके स्वयं के पिछले कर्मों में समाहित हैं. हर कोई अपने द्वारा रचित खाते के अनुसार ही सुख और दुःख भोगता है. जो कर्म कर दिया गया, उसे तो भोगना ही होगा. किसी भी विद्या द्वारा उसे निरस्त या खारिज करने का कोई उपाय नहीं है. पर हां, मंत्रों का सीधा असर हमारे मन पर पड़ता है. मंत्रों के नवीन कर्म से आप आत्मविश्वास में वृद्धि कर, अपनी आंतरिक ऊर्जा को बल प्रदान कर सकते हैं, जिससे पूर्व के नकारात्मक कर्मों का भोग सहज और सुगम हो सकता है. स्वयं पर यकीन और सही दिशा में सतत सटीक कर्म का कोई विकल्प नहीं है.
Qमित्र को उधार दिया था. क्या वह धन वापस मिलेगा? कोई उपाय है क्या? जन्म तिथि- 21.08.1984, जन्म समय- 08.20 प्रातः, स्थान- समस्तीपुर.
– अजय यादव
आपकी राशि वृष और लग्न कन्या है. एक तो आपके धन भाव में शनि बैठा है, वहीं व्यय भाव में धनेश शुक्र की युति करेले पर नीम चढ़ा रही है. साथ में बुध की युति गलत फैसले से आर्थिक तनाव की चुगली कर रही है. आप 24 जनवरी, 2020 तक शनि की अढ़ैया के भी प्रभाव में थे, जो आर्थिक स्थिति के लिए शुभ काल नहीं था. पर शनि के गृह परिवर्तन से अब काले बदरा छंटते नजर आ रहे हैं. आनेवाला काल खंड आपको अच्छे समाचार सुनायेगा. नित्य प्रातः सूर्य को कुमकुम, लाल मिर्च के 21 बीज और लाल पुष्प मिश्रित जल का अर्घ्य लाभ प्रदान करेगा.
Qमैं तलाकशुदा हूं. क्या मेरा पुनर्विवाह संभव है? जन्म तिथि- 21.08.1993, जन्म समय- 21.22, जन्म स्थान- मुंगेर.
– अपर्णा सहाय, मुंगेर
आपकी राशि कन्या और लग्न कुंभ है. आपकी कुंडली में पराक्रमेश और कर्मेश मंगल अष्टम भाव में आसीन होकर आपको मांगलिक बना रहा है, वहीं लाभेश और धनेश बृहस्पति की युति आपके स्वभाव को झुंझलाहट व आक्रामकता से युक्त करके विवेकहीनता प्रदान रही है. थोड़े प्रयास से आपका पुनर्विवाह संभव है, पर कुंडली मिलान एक अनिवार्य शर्त है. नियमित रूप से वर्जिश, भ्रमण, प्राणायाम व ध्यान के साथ मस्तक, नाभि व जिह्वा पर केसर मिश्रित जल का लेप लाभ प्रदान करेगा.