-शाम 5.12 और खरीदारी का 6.55 से होगा शुरू
धनतेरस व दीपावली में लक्ष्मी, गणेश व सरस्वती जी की पूजा की जाती है. साथ-साथ कुबेर की भी पूजा स्थिर लग्न में की जाती है. वृष, सिंह, वृश्चिक और कुंभ ये चार राशि स्थिर लग्न कहे जाते हैं.इन लग्नों में दीपावली में लक्ष्मी व गणेश आदि की पूजा की जाती है. साथ-साथ कुछ लोग तुला लग्न में भी पूजा करते हैं जो स्थिर लग्न के समान ही शुभ फलदायी होता है. धनतेरस में शुभ मुहुर्त में खरीदारी लाभदायक होता है.
हिंदू परंपरा में धनतेरस का है खास महत्व
दीपावली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है और इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धनवंतरी पूजे जाते हैं. इस दिन कुबेर की भी पूजा की जाती है. इसी दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था जो कि समुंद्र मंथन के दौरान अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे और इसी कारण से भगवान धन्वंतरि को औषधि का जनक भी कहा जाता है. पं श्रीपति त्रिपाठी के मुताबिक धनतेरस के दिन सोने-चांदी के बर्तन खरीदना भी शुभ माना जाता है. इस दिन धातु खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से किस्मत चमक जाती है. इसके साथ ही हरेक सामग्री के लिए शुभ वक्त तय है, उस दौरान खरीदारी करने से महालक्ष्मी का घर में शुभागमन होगा.
धनतेरस में श्री लक्ष्मी-गणेश आदि पूजा के शुभ मुहूर्त
दीपावली महोत्सव की शुरूआत धनतेरस से होती है. इस दिन भगवान धनवंतरी की जयंती भी मनायी जाती है. इस दिन माता लक्ष्मी की भी उत्पत्ति हुयी थी. आयुर्वेद के जनक धनवंतरी की जयंती मनाने पर धन-धान्य व आरोग्य की प्राप्ति होती है. पूजन के लिए शुभ मुहुर्त शुक्रवार की शाम 5:12 से 6 बजे और शाम 6:24 से 8:22 बजे तक है.
25 व 26 दोनों दिन करें खरीदारी
पंडित श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि शुक्रवार को त्रयोदशी शाम 04:31 मिनट से शुरू होगा. खरीददारी का शुभ मुहूर्त शाम 06:55 से 08:50 तक है. शनिवार को त्रयोदशी दिन में 02:08 तक है. खरीददारी का शुभ मुहुर्त शनिवार को सुबह 08:05 से 10:21 तक है. उन्होंने बताया कि स्थिर लगन में भी खरीदारी संभव है.
26 को यम तर्पण व दीपदान
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चर्तुदशी यानि शनिवार को नरक चतुर्दशी है. इस अवसर पर यम तर्पण व दीपदान किया जाता है. संध्या काल में दक्षिण दिशा की ओर मुख कर जल, तिल व कुश लेकर दीपक प्रज्वलित किया जाता है.
27 को दीपावली
कार्तिक अमावस्या के दिन रविवार को लक्ष्मी-गणेश की पूजा होगी. शुभ मुहुर्त शाम 5: 10 से 5:58 व 6: 16 से रात्रि 8:14 के बीच है. विशिष्ट मुहुर्त में कल-कारखाने, दफ्तर आदि में पूजा की जाती है. विशिष्ट मुहुर्त रात्रि 12:44 से 2: 55 के बीच है.
धनतेरस पर राशि के अनुसार करें खरीदारी
मेष राशि- मेष राशि वाले पीतल के बर्तन खरीदें. पार्टनर को गिफ्ट देना चाहते हैं तो चांदी या सफेद धातु का हार ले सकते हैं.
वृष राशि- वृष राशि के लोगों के लिए चांदी का कलश खरीदना शुभ फलदायी रहेगा. सोने की चूड़ी अथवा अंगूठी ले सकते हैं, जिससे दीपावली लक्ष्मीवान हो.
मिथुन राशि- इस धनतेरस पर सफेद धातु के श्री यंत्र या गणेश ले सकते हैं. कांसे का बर्तन खरीदना भी उत्तम रहेगा. जीवनसाथी के लिए पीले पुखराज की अंगूठी खरीदें.
कर्क राशि- पार्टनर के लिए मोती या हीरे की अंगूठी खरीद सकते हैं.
सिंह राशि- घर के मंदिर के लिए लक्ष्मी-विष्णु की मूर्ति सोने या पीले धातु में खरीदें. जीवनसाथी के लिए सोने या पीले पुखराज का लॉकेट लें.
कन्या राशि- घर के मंदिर के लिए चांदी के लक्ष्मी-गणेश, सोने के श्रीयंत्र खरीद सकते हैं. जीवनसाथी के लिए चांदी का आभूषण ले सकते हैं.
तुला राशि- घर के मंदिर के लिए चांदी का श्रीयंत्र और दक्षिणवर्ती शंख लें. जीवनसाथी के लिए मूंगे की माला अथवा कंगन खरीदें.
वृश्चिक राशि- तांबे के कलश, पीली धातु का दीपदान लें. तांबे का कलश भी खरीद सकते हैं. जीवनसाथी के लिए मोतियों की माला लें.
धनु राशि-पीली धातु में पुखराज माणिक्य या मूंगे का सामान खरीद लें.
मकर राशि- जीवनसाथी के लिए हीरे या चांदी का कोई सामान खरीद सकते हैं. बेडरूम के लिए सफेद धातु में मेज इत्यादि खरीद सकते हैं.
कुंभ राशि-घर के मंदिर के लिए सफेद धातु या चांदी का दीप दान लें. जीवनसाथी के लिए सोना माणिक्य अथवा पुखराज की अंगूठी खरीद सकते हैं.
मीन राशि- पीला पुखराज ले सकते हैं. सफेद धातु या चांदी का पिरामिड और गणेश, सरस्वती की प्रतिमा और तांबे का कलश खरीदना भी शुभ रहेगा. जीवनसाथी के लिए पन्ने या हीरे की अंगूठी लें.