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जानें वर्ष 2019 के बारे क्‍या कहता है ज्योतिष

आचार्य अमरेंद्र मिश्र श्री भुवनेश्वरी ज्योतिष केंद्र 31 दिसंबर 2018 के अवसान के साथ ख्रीष्टाब्द 2019 का प्रारंभ विक्रम संवत 2075 पौष कृष्ण दशमी सोमवार अर्द्धरात्रि बाद कन्या लग्न, स्वाति नक्षत्र के तृत्तीय चरण में होगा. तत्कालीन निरयण ग्रह-स्थिति निम्न प्रकार होगी. तुला : चंद्र, शुक्र वृश्चिक : बुध, गुरु धनु : सूर्य, शनि मकर […]

आचार्य अमरेंद्र मिश्र

श्री भुवनेश्वरी ज्योतिष केंद्र

31 दिसंबर 2018 के अवसान के साथ ख्रीष्टाब्द 2019 का प्रारंभ विक्रम संवत 2075 पौष कृष्ण दशमी सोमवार अर्द्धरात्रि बाद कन्या लग्न, स्वाति नक्षत्र के तृत्तीय चरण में होगा. तत्कालीन निरयण ग्रह-स्थिति निम्न प्रकार होगी.

तुला : चंद्र, शुक्र

वृश्चिक : बुध, गुरु

धनु : सूर्य, शनि

मकर : केतु

मीन : मंगल

कर्क : राहु

नवांश लग्न मेष, नवांश में राहु केतु वर्गोत्तम, बुध नीच राशि में.

राहु शुक्र महादशांतर्दशा 09.12.2021 तक.

कन्या लग्नोदयी नववर्ष 2019 की कुंडली में प्रवेश दशाधिपति राहु वर्गोत्तम हैं, लग्न से एकादश एवं चंद्र से दशम हैं. अतः विश्व स्तर पर व्यापक परिवर्तन के सूचक हैं. विशेष कर भारत के परिप्रेक्ष्य में (स्वतंत्र भारत की कुंडली वृष लग्न, कर्क राशि की कुंडली है, जिसमें सभी ग्रह राहु-केतु के मध्य रह कर कालसर्प योग बना रहे हैं). उपरोक्त ग्रहस्थित्यानुसार मेरी दृष्टि में कई महत्वपूर्ण घटनाएं निम्न प्रकारेण घटित होंगी.

कर्कस्थ राहु (निरयण) तक, 23 मार्च 2019 तक मौसम में अप्रत्याशित स्थिति रहेगी. भारत सहित विश्व अर्थव्यवस्था अनियंत्रित रहेगी. भारत के पड़ोसी संबंध असामान्य ढंग से कटु होंगे, सांप्रदायिक तनाव बढ़ेंगे. पूर्वी प्रदेशों में वर्ग संघर्ष बढ़ेगा, पश्चिमोत्तर में किसी आबादी बहुल क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना घटेगी, जिससे जन-धन की व्यापक क्षति हो सकती है. छह फरवरी से 23 मार्च के बीच तेज गति वाहन से दुर्घटना,अग्निकांड एवं यत्र-तत्र दंगा फसाद का भय है. न्यायालय कोई कठोर निर्णय लेगा.

23 मार्च, 2019 को 13:18 बजे राहु अपनी उच्च राशि मिथुन में जायेंगे, वर्ष प्रवेश कुंडली में लग्न से दशम राहु 23 मार्च, 2019 से अगले डेढ़ वर्ष तक आर्थिक, वैदेशिक एवं श्रमिक जगत के लिए उत्तम अवसर के कारक सिद्ध होंगे.

पांच अप्रैल, 2019 को 14:20:22 बजे परिधावी विक्रम संवत 2076 प्रारंभ होगा. राजा शनि और मंत्री सूर्य होंगे. ईस्वी सन् 2019 की वर्ष प्रवेश कुंडली में सूर्य शनि संयोग चतुर्थ स्थान में हुआ है. तदनुसार, भारत सहित भारतीय उपमहाद्वीप में एकाधिक देशों में सत्ता-परिवर्तन होगा. भारत में 23 मार्च, 2019 के बाद चुनाव का बिगुल बज सकता है. 05:04:2019 से 30:05:2019 के बीच कृषक, श्रमिक, युवा वर्ग, नारी शक्ति के उत्थान की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर कई कल्याणकारी कार्य होंगे.

तीन जून, 2019 से 02 जुलाई, 2019 के बीच देश के अधिकांश हिस्से सूखे की चपेट में आ सकते हैं. भूकंपादि महोत्पात एवं राजनैतिक अस्थिरता इत्यादि से समय प्रजा एवं शासक वर्ग के लिए अप्रिय होगा. जुलाई मासांत से मध्य नवंबर तक का समय विश्वस्तरीय आर्थिक-असंतुलन, शेयर-बाजार में भारी गिरावट का समय होगा.

सारांश में 23 मार्च, 2019 के पूर्व एवं पांच अप्रैल, 2019 के बाद का समय राहु के राशि परिवर्तन तथा नव विक्रम संवत् 2076 की वर्ष प्रवेश कुंडली के अनुसार, भारत सहित भारतीय उपमहाद्वीप के कई देशों में काफी उथल-पुथल की स्थिति देखी जायेगी. अंतरराष्ट्रीय दृष्टि से भी विश्व अर्थव्यवस्था काफी नाजुक दौर से गुजरेगी. नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार अपने आंतरिक विवादों के कारण परेशान रहेंगे. सरहदों पर सैनिक-हलचल बढ़ा रहेगा. अमेरिका में सत्ता पक्ष के विरुद्ध आवाज बुलंद होगी.

वर्ष 2019 मिथुन, तुला, कुंभ लग्न और राशि के जातकों के लिए कुल मिला कर प्रगतिमूलक वर्ष होगा. इन राशि/लग्नों के राजनेताओं, उद्यमियों, स्त्री जातकों के लिए विशेष उत्तम अवसर. वृश्चिक, सिंह, धनु लग्न/राशि के जातकों को विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता होगी.

ऑटोमोबाइल और रियल स्टेट और पेट्रोकेमिकल का विश्व बाजार 23 मार्च के बाद काफी दयनीय स्थिति में आ सकता है.

‘फलानि ग्रहचारेण सूच्यन्ति मनीषिणः.

को वक्ता तारतम्ययस्य तमेकम वेधसम बिना.’

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