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जमीन घोटाले की जांच सीआइडी से कराने की अनुशंसा, दोषी पदाधिकारियों व कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, दिये ये निर्देश

रांची : झारखंड के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने धनबाद जिले में जमीन निबंधन व दाखिल खारिज में हुए फर्जीवाड़े और अनियमितता की जांच सीआइडी से कराने की अनुशंसा की है. सचिव ने सीआइडी के अपर महानिदेशक को पत्र लिखा है और उन्हें अब तक इस संबंध में हुई जांच प्रतिवेदन की कॉपी दी गयी है. साथ ही लिखा गया है कि झारभूमि पोर्टल पर खतियान व पंजी टू के बीच क्रॉस चेक मेकेनिज्म नहीं रहने के कारण भी त्रुटिपूर्ण नामांतरण की स्वीकृति हो सकती है, इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में एनआइसी झारखंड से प्रतिवेदन की मांग की गयी थी. एनआइसी की ओर से बताया गया था कि दाखिल खारिज के दौरान पोर्टल पर खतियान व पंजी टू से संबंधित सभी सूचनाएं अंकित रहती है. अंचल अधिकारी अगर भूमि का सत्यापन विधिवत करें, तो गलत होने का प्रश्न नहीं उठता है.

रांची : झारखंड के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने धनबाद जिले में जमीन निबंधन व दाखिल खारिज में हुए फर्जीवाड़े और अनियमितता की जांच सीआइडी से कराने की अनुशंसा की है. सचिव ने सीआइडी के अपर महानिदेशक को पत्र लिखा है और उन्हें अब तक इस संबंध में हुई जांच प्रतिवेदन की कॉपी दी गयी है. साथ ही लिखा गया है कि झारभूमि पोर्टल पर खतियान व पंजी टू के बीच क्रॉस चेक मेकेनिज्म नहीं रहने के कारण भी त्रुटिपूर्ण नामांतरण की स्वीकृति हो सकती है, इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में एनआइसी झारखंड से प्रतिवेदन की मांग की गयी थी. एनआइसी की ओर से बताया गया था कि दाखिल खारिज के दौरान पोर्टल पर खतियान व पंजी टू से संबंधित सभी सूचनाएं अंकित रहती है. अंचल अधिकारी अगर भूमि का सत्यापन विधिवत करें, तो गलत होने का प्रश्न नहीं उठता है.

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सचिव ने सीआइडी को लिखा है कि एनआइसी के प्रतिवेदन की गहन जांच की जरूरत है. इस संबंध में सात फरवरी 2020 को भी मामले की जांच का आग्रह किया गया था. ऐसे में पुन: आग्रह है कि इसकी प्रारंभिक जांच की जाये, ताकि स्पष्ट हो सके कि किन-किन स्तरों व किन-किन पदाधिकारियों -कर्मचारियों के द्वारा अनियमितता बरती गयी है. साथ ही इसमें एनआइसी की संलिप्तता क्या है. ऐसे में इसकी प्रारंभिक जांच कर दंडात्मक व सुधारात्मक उपाय के संबंध में समुचित अनुशंसा विभाग को उपलब्ध कराने को कहा है.

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राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने धनबाद के उपायुक्त को भी पत्र लिख कर इस मामले में दोषी पदाधिकारी व कर्मियों पर आवश्यक अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई करने को कहा है. साथ ही इसका प्रतिवेदन विभाग को भेजने को कहा है. संबंधित सभी राजपत्रित पदाधिकारियों व अंचल निरीक्षकों के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर विभाग को भेजने को कहा है. विदित हो कि उपायुक्त ने जांच रिपोर्ट के आधार पर 25 अधिकारियों-कर्मियों को शो-कॉज किया था. उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए सरकार से मार्गदर्शन मांगा था.

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सचिव ने लिखा है कि एनआइसी ने जो प्रतिवेदन दिया है, उसके अवलोकन से स्पष्ट होता है कि जमीन से संबंधित मामलों में खाता व प्लॉट नंबर तथा रकबा आदि में हेर-फेर किया गया है. यह भी देखा गया कि कई राजस्व उप निरीक्षक, अंचल निरीक्षक व अंचल अधिकारी के द्वारा जमीन विवरणी में कई जगहों पर कई स्तर पर एडिट व इंसर्ट किया गया है. विभाग ने इसे गंभीर मामला माना है.

एनआइसी द्वारा समर्पित दाखिल-खारिज वाद

वाद संख्या मौजा का नाम

1784/19-20 विशुनपुर

796/19-20नारायणपुर

2479/19-20नारायणपुर

3107/19-20नारायणपुर

3033/19-20कोलाकुसमा

1786/19-20कोलाकुसमा

945/19-20कोलाकुसमा

1076/18-19कोलाकुसमा

1354/17-18कोलाकुसमा

1958/18-19 विशुनपुर

161/18-19 विशुनपुर

73/19-20 बारामुडी

2456/18-19 आमाघाटा

1993/18-19झिरकीवाद

Posted By : Guru Swarup Mishra

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