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आठ साल बाद सीएम आवास में हुआ इफ्तार का आयोजन, राज्य सांसद शिबू सोरेन समेत कई मंत्री विधायक हुए शामिल

मुख्यमंत्री आवास में आयोजित दावत- ए -इफ्तार में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने सभी रोजेदारों को रमजान की दिली मुबारकबाद दी. बता दें कि अंतिम बार सीएम आवास में वर्ष 2013-14 में आयोजित इफ्तार पार्टी आयोजित किया गया था.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से रमजान -उल- मुबारक के अवसर पर बुधवार को दावत -ए- इफ्तार का आयोजन किया गया. कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास आठ वर्षों के बाद इफ्तार का आयोजनं किया गया है. अंतिम बार वर्ष 2013-14 में आयोजित इफ्तार पार्टी के दौरान भी उस समय मुख्यमंत्री के पद पर हेमंत सोरेन ही थे. इसके बाद जब वह दोबारा 2019 दिसंबर में मुख्यमंत्री बने तो कोरोना की वजह से इफ्तार का आयोजन नहीं हो सका था. अब पुन: यह आरंभ हुआ है.

मुख्यमंत्री आवास में आयोजित दावत- ए -इफ्तार में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने सभी रोजेदारों को रमजान की दिली मुबारकबाद दी. इस अवसर पर सभी ने राज्य की प्रगति, प्रेम- भाईचारा, खुशहाली और अमन- चैन के साथ सुरक्षित जनता- सुरक्षित झारखंड की दुआ की. दावत- ए -इफ्तार में राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, बन्ना गुप्ता, मिथिलेश कुमार ठाकुर, बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन, सांसद महुआ माजी व कई विधायक उपस्थित थे.

वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे के अलावा कई पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और वरीय पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में रोजेदार शामिल हुए.

ओलचिकी लिपि की पुस्तकें पाठ्यक्रम में शामिल करें

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बुधवार को माझी परगना महाल, धार दिशोम, पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधियों ने औपचारिक मुलाकात की. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि जेसीइआरटी के निर्देशों के तहत सरकारी विद्यालयों में कक्षा तीन से छह तक की गणित और पर्यावरण विज्ञान किताब का अनुवाद संताली भाषा की ओलचिकी लिपि में किया गया है.

रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बुधवार को माझी परगना महाल, धार दिशोम, पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधियों ने औपचारिक मुलाकात की. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि जेसीइआरटी के निर्देशों के तहत सरकारी विद्यालयों में कक्षा तीन से छह तक की गणित और पर्यावरण विज्ञान किताब का अनुवाद संताली भाषा की ओलचिकी लिपि में किया गया है.

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