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झारखंड से कुपोषण दूर भगायेगी दीदी बाड़ी योजना, सभी जिले के डीसी- डीडीसी को मिला निर्देश

Jharkhand news, Ranchi news : झारखंड के ग्रामीण और गरीब परिवारों को पोषण युक्त भोजन मिले, इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड ने मनरेगा के तहत पूरे राज्य में दीदी बाड़ी योजना शुरू करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने राज्य के सभी डीसी और डीडीसी को पत्र लिखा है. इसके तहत अपने घर के आसपास की जमीन में अपने परिवार के पोषण की आवश्यकता के अनुसार एक से पांच डिसमिल जमीन पर पोषण युक्त सब्जियों समेत अन्य फसलों का उत्पादन करने पर जोर दिया जायेगा, ताकि ग्रामीणों को पोषण युक्त भोजन की जरूरत पूरी हो सके. योजना के क्रियान्वयन में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) का भी सहयोग लिया जायेगा.

Jharkhand news, Ranchi news : रांची : झारखंड के ग्रामीण और गरीब परिवारों को पोषण युक्त भोजन मिले, इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड ने मनरेगा के तहत पूरे राज्य में दीदी बाड़ी योजना शुरू करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने राज्य के सभी डीसी और डीडीसी को पत्र लिखा है. इसके तहत अपने घर के आसपास की जमीन में अपने परिवार के पोषण की आवश्यकता के अनुसार एक से पांच डिसमिल जमीन पर पोषण युक्त सब्जियों समेत अन्य फसलों का उत्पादन करने पर जोर दिया जायेगा, ताकि ग्रामीणों को पोषण युक्त भोजन की जरूरत पूरी हो सके. योजना के क्रियान्वयन में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) का भी सहयोग लिया जायेगा.

झारखंड में 5 साल से कम आयु के 45.3 फीसदी बच्चे एवं 65.2 फीसदी महिलाएं कुपोषित हैं. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण आंगनबाड़ी और स्कूल बंद होने से गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी प्रभावित हुए हैं. इनके पोषण युक्त भोजन की समस्या को ध्यान में रख कर दीदी बाड़ी योजना की शुरुआत राज्य में कराने का निर्णय हुआ है.

इस योजना का क्रियान्वयन एक से पांच डिसमिल जमीन पर हो सकेगा. साथ ही भूमिहीन ग्रामीणों द्वारा भी 2 से 5 लोगों के समूह में सार्वजनिक जमीन पर ग्रामसभा की अनुमति से दीदी बाड़ी योजना शुरू की जा सकती है. इस योजना के सफल संचालन के लिए लाभुकों को पोषण संबंधी प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस योजना का क्रियान्वयन गांव स्तर तक किया जाना है, जहां दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) से जुड़ीं सखी मंडल] ग्राम संगठन और सीएलएफ (Cluster Level Federation) की दीदियां बेहतर कार्य कर रही है.

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पोषण भोजन के तहत दीदी बाड़ी योजना में सब्जी, पपीता, केला आदि के पौधे लगाये जायेंगे और इस पर होने वाला खर्च जेएसएलपीएस द्वारा वहन किया जायेगा. इसके अलावा प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण सामग्री का खर्च भी जेएसएलपीएस द्वारा ही की जायेगी.

किसको मिलेगा लाभ

योजना का लाभ मनरेगा गाईडलाईन के अनुरूप अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (SY), विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG), गैर अनुसूचित जनजातियां, गरीबी रेखा के नीचे (BPL) का परिवार, महिला प्रधान वाला परिवार, शारीरिक रूप से विकलांग प्रधान वाला परिवार, प्रधानमंत्री अावास योजना (PMAY) के लाभार्थी, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पारंपरिक वनवासी अधिनियम 2006 के लाभार्थी, लघु एवं सीमांत किसान आदि को दीदी बाड़ी योजना का लाभ मिल सकता है. इसके अलावा मनरेगा अंतर्गत इस योजना को अगर अपने जमीन में और खुद ही करना चाहते हैं, तो लाभुक का अपना जॉब कार्ड होना अनिवार्य है. अगर जिन लाभुकों के पास जॉब कार्ड नहीं है, वो अपना कार्ड बनवा कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. अति गरीब परिवार और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह वाले परिवारों को इस योजना में वरीयता मिलेगी.

लाभुकों का चयन

लाभुकों का चयन राज्य आजीविका मिशन (JSLPS) की स्वयं सहायता समूह (SHG) या ग्राम संगठन (Village Organisation) के माध्यम से किया जायेगा. लाभुकों के चयन में विकास के भागीदार (Development partners) एसएचजी या वीओ को सहयोग प्रदान कर सकते हैं. स्वयं सहायता समूह या ग्राम संगठन के माध्यम से चयनित लाभुकों की योजना का अनुमोदन ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत द्वारा किया जायेगा.

मजदूरी भुगतान

दीदी बाड़ी योजना में अलग-अलग लाभुकों की कुल 30 डिसमिल योजना के लिए सखी मंडल की दीदियों का सहयोग लिया जायेगा. एक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक सखी दीदी को 100 मानव दिवस का कार्य दिया जायेगा. एक दीदी का सहयोग महीना में 7 से 15 दिनों तक कार्य के अनुसार लिया जा सकता है. वहीं, कार्य दिवस के आधार पर अकुशल मजदूरी दिया जायेगा. इस दौरान अकुशल श्रमिकों की भांति इनका भी मस्टर रोल बनेगा. इस कारण जॉब कार्ड और बैंक खाता का होना जरूरी है. मजदूरों की मजदूरी मनरेगा के प्राक्कलन के अनुरूप दिया जायेगा.

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योजना के सफल संचालन के लिए मिलेगा प्रशिक्षण

लाभुक एवं दीदी बाड़ी सखी का प्रशिक्षण जेएसएलपीएस की ओर किया जायेगा. इसके तहत प्रशिक्षण सामग्री तैयार करना, राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, जिला एंव प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षक तैयार करना, दीदी बाड़ी का प्रशिक्षण, लाभुकों का प्रशिक्षण, मनरेगा कर्मी एवं पंचायत प्रतिनिधियों का उन्मुखीकरण (Orientation) किया जायेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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