19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड: सीयूजे के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में नैतिकता पर क्या बोले प्रो एनके दास?

दूसरे सत्र में डॉ नागरकर शुभदा प्रशांत ( सह प्राध्यापक, समन्वयक प्रकाशन नैतिकता केंद्र, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र ) ने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के वैश्विक मानकों से मेल खाने के लिए यूजीसी केयर लिस्ट की स्थापना की गई है.

रांची: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के ‘कार्यक्रम और विस्तार सेल’ द्वारा आयोजित ‘अभ्यास में अनुसंधान (अंतःविषय)’ नामक दो साप्ताहिक ‘क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ का ऑनलाइन आयोजन किया जा रहा है. इसका आज गुरुवार को नौवां दिन था. कार्यक्रम के पहले सत्र में प्रो एनके दास (शिक्षा विद्यालय, इग्नू, नई दिल्ली) ने ‘नैतिक और कानूनी विचार अनुसंधान के ( डेटा की नैतिकता संग्रह / डेटा विश्लेषण, रुचि में संघर्ष और अन्य ) विषय में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नीतिशास्त्र मनुष्य के कर्मों की उसकी सत्यता और असत्यता की दृष्टि से व्यवस्थित व्यवस्था है, जो परम सुख की प्राप्ति के साधन के रूप में काम करता है. नैतिकता सही या गलत का सिद्धांत है, जबकि सदाचार इसका अभ्यास है और कानून ऐसे नियम हैं जो सरकार द्वारा सही या गलत के संदर्भ में मानवीय कार्यों को विनियमित करने के लिए बनाए गए हैं. नैतिकता की प्रकृति इस प्रकार है- यह सार्वभौमिक सिद्धांतों के संदर्भ में मूल्यों और दिशानिर्देशों का अध्ययन और विश्लेषण करता है. नैतिकता, नैतिक समस्याओं और नैतिक निर्णयों के बारे में दार्शनिक सोच, नैतिक विश्वासों और प्रथाओं पर दार्शनिक प्रतिबिंब, प्रकृति में आदर्शात्मक है. नैतिकता के अध्ययन की दो विधियां हैं जैसे-निगमनात्मक और आगमनात्मक. नैतिकता के भी दो दृष्टिकोण हैं जैसे – गैर आदर्शात्मक और आदर्शात्मक.

दूसरे सत्र में डॉ नागरकर शुभदा प्रशांत ( सह प्राध्यापक, समन्वयक प्रकाशन नैतिकता केंद्र, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र ) ने यूजीसी केयर में प्रकाशन पत्र सूची पत्रिकाओं-प्रक्रिया, कार्यक्षेत्र और चुनौतियां विषय पर अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के वैश्विक मानकों से मेल खाने के लिए यूजीसी केयर लिस्ट की स्थापना की गई है. यूजीसी केयर लिस्ट के प्रावधान के कई उद्देश्य हैं जैसे-भारतीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान अखंडता और प्रकाशन नैतिकता को बढ़ावा देना, गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं की यूजीसी केयर संदर्भ सूची बनाना, एमफिल और पीएचडी छात्रों के लिए अनुसंधान समग्रता और प्रकाशन नैतिकता पर दो क्रेडिट पाठ्यक्रम शुरू करना. यूजीसी केयर लिस्ट की ये विशेषताएं हैं-डायनेमिक, त्रैमासिक अद्यतन, कोई भी व्यक्ति निर्धारित जमा करने की प्रक्रिया का पालन करके नई पत्रिका के शीर्षक का सुझाव दे सकता है, प्रतिक्रिया विकल्प भी प्रदान किया जाता है. यूजीसी केयर लिस्ट के दो समूह हैं-एक है यूजीसी केयर लिस्ट-1, जिसमें मुख्य रूप से भारतीय जर्नल शामिल हैं और दूसरा यूजीसी केयर लिस्ट-2 है, जिसमें ज्यादातर विदेशी जर्नल शामिल हैं. उन्होंने किसी पेपर को प्रकाशन के लिए भेजने से पहले कुछ बातों पर गौर करने के बारे में भी बताया. जैसे – क्लोन्ड जर्नल या संदिग्ध की पहचान आदि.

Also Read: सीयूजे में क्षमता निर्माण कार्यक्रम, कॉपीराइट व पेटेंट पर डॉ के रमा पटनायक ने दी ये अहम जानकारी

तीसरे सत्र में प्रो अनंत कुमार गिरी ( मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ विकास अध्ययन, चेन्नई ) ने अनुसंधान के अवसर विदेश में- छात्रवृत्ति, फैलोशिप और अन्य’ विषय पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विदेशी फेलोशिप हमें पढ़ने में मदद करती है और अपने देश के बाहर शोध करने में मदद करती है. यह हमें अपने सीखने को गहरा करने और रचनात्मकता और एगैप के नेटवर्क स्थापित करने में मदद करता है. ये नेटवर्क केवल डिजिटल और अनौपचारिक नेटवर्क नहीं हैं. वे व्यक्तिगत संबंधों, प्रेम, श्रम और सीमाओं के पार सीखने के नेटवर्क हैं. जिसके बाद उन्होंने विभिन्न विदेशी फैलोशिप के बारे में उनकी आवश्यक योग्यता, नियम और शर्तों के बारे में बताया. उन्होंने विभिन्न विदेशी फेलोशिप के बारे में विस्तार से बताया जैसे- रॉकफेलर ह्यूमैनिटीज फेलोशिप, कोरिया फाउंडेशन फेलोशिप, हम्बोल्ट फेलोशिप, शास्त्री इंडो कैनेडियन फेलोशिप, फुलब्राइट, इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशनशिप और इंडियन कॉन्सिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च, और ट्रांसडिसिप्लिनिटी की फेलोशिप.

Also Read: सीयूजे में रिसर्च के महत्व पर क्या बोले तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो एपी दास?

चौथे व अंतिम सत्र में प्रो सूबा चंद्रन (एनआईएएस, आई.आई.एस.सी., बैंगलोर) ने ‘वित्त पोषण के अवसर के लिए अनुसंधान प्रस्ताव और कंसल्टेंसी और थिंकटैंक ऑफ रिसर्च’ के बारे में बताया कि प्रस्ताव लिखना कोई नहीं सिखा सकता, लिखना सीखा जाता है. प्रस्ताव लिखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है जैसे- व्यक्तिगत स्तर पर या संस्थागत स्तर पर लिख जा रहा हो. प्रस्ताव लिखने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें भी बताईं जैसे -मैं किसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा हूं? अगर किसी कॉल का जवाब दे रहा हूं तो – संस्था का क्या मतलब है?. संस्था ने किस लिए समर्थन किया है?. संस्था ने किसका समर्थन किया है?. कॉल क्या मांगता है?, हेड्स/सब-हेड्स क्या हैं? आदि. पूरे सत्र का संचालन डॉ स्निग्धा मिश्रा (सहायक प्राध्यापक) ने किया. पूरे सत्र का मार्गदर्शन प्रो तपन कुमार बसंतिया (कार्यक्रम के नोडल समन्वयक) ने किया.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel