16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रांची के CIP में आज से शुरू होगा AI Lab और स्टीमुलेशन सेंटर, मनोरोग के इलाज में ली जाएगी मदद

प्रशिक्षित एआइ थेरेपिस्ट सहायक के साथ बातचीत में पता चला कि चैटजीपीटी सकारात्मक बातचीत करने, सक्रिय रूप से सुनने और स्पष्ट चिकित्सा सलाह देने में बहुत प्रभावी नहीं होगा.

विश्व के कई देशों में मनोरोग के इलाज में ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) (एआइ) की मदद ली जा रही है. अपने देश में भी इसके जल्द शुरू होने की उम्मीद है. मनोरोग के इलाज में एआइ की मदद लेनेवाला केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (सीआइपी) देश का पहला संस्थान बनने जा रहा है. संस्थान के परिसर में बुधवार को ‘एआइ लैब’ और ‘स्टीमुलेशन सेंटर’ का उद्घाटन होने जा रहा है. संस्थान के डॉक्टर करीब एक साल तक इस तकनीक का परीक्षण करेंगे. सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद मनोरोगियों के इलाज में इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया जा सकता है.

विश्व में कई स्थानों पर हो रहा उपयोग :

विश्व में कई मन:चिकित्सा संस्थानों में मनोरोग के इलाज में एआइ की मदद ली जा रही है. इसमें चैट-जीपीटी का इस्तेमाल अधिक होता है. अर्जेंटीना विश्वविद्यालय के छात्रों में अवसाद व चिंता के लक्षणों की जांच के लिए एआइ आधारित चैटबॉट्स का इस्तेमाल और इसके प्रभाव की जांच की गयी. अध्ययन के परिणामों से पता चला कि चैटबॉट्स के उपयोग को पारंपरिक चिकित्सा के पूरक के रूप माना जा सकता है.

हालांकि, प्रशिक्षित एआइ थेरेपिस्ट सहायक के साथ बातचीत में पता चला कि चैटजीपीटी सकारात्मक बातचीत करने, सक्रिय रूप से सुनने और स्पष्ट चिकित्सा सलाह देने में बहुत प्रभावी नहीं होगा. यह पाया गया कि चैटजीपीटी चिकित्सक के लिए बातचीत का सार निकालते समय महत्वपूर्ण विवरण में चूक कर सकता है. अध्ययन से यह भी पता चलता है कि एक ही रोगी से कई वार्तालापों के बाद नयी इनसाइट (अंतर्दृष्टि) खोजने के लिए चैटजीपीटी का उपयोग किया जा सकता है. ऐसे में यह चिकित्सकों के लिए एक मूल्यवान उपकरण बन सकता है.

क्या कहते हैं चिकित्सक

सेंटर के प्रभारी डॉ उमेश बताते हैं कि आनेवाला समय एआइ का ही है. ऐसे में बेहतर इलाज के लिए बेहतर तकनीकी चाहिए. एआइ के माध्यम से जितना अच्छा डाटा सिस्टम में होगा. उतना ही अच्छा इलाज होगा. चैट-जीपीटी जैसी तकनीक इसमें काफी सहायक हो सकती है. सीआइपी में जल्द ही यह काम शुरू होगा. वहीं, सीआइपी के निदेशक डॉ बासुदेव दास बताते हैं कि अब तक देश के किसी मनोचिकित्सा संस्थान से एआइ से इलाज शुरू करने की सूचना नहीं है. सीआइपी इसकी शुरुआत कर रहा है. समय के साथ इलाज की तकनीकी में भी बदलाव हो रहा है. यह उसी का एक हिस्सा है.

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel