15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

क्या है आर्टिकल 30, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना 57 साल पुराना फैसला

AMU Minority Status : सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के आर्टिकल 30 का हवाला देते हुए यह कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान होने का दर्जा सिर्फ इसलिए नहीं छीना जा सकता है क्योंकि उसकी स्थापना केंद्रीय कानूनों के जरिए हुई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी यह समझना चाह रहा है कि संविधान के आर्टिकल 30 में ऐसी क्या खास बात है.-

AMU Minority Status : सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर 2024 को अपने एक 57 साल पुराने फैसले को पलट दिया, जिसमें यह कहा गया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है, क्योंकि इसकी स्थापना केंद्रीय कानूनों के तहत हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर कोई कानून या कार्रवाई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और उसे चलाने में किसी तरह का भेदभाव करता है तो यह संविधान के अनुच्छेद 30(1) के विपरीत है. सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय पीठ ने 4:3 के बहुमत से यह फैसला सुनाया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का फैसला एक अलग बेंच के लिए छोड़ दिया है कि एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं.


क्या है संविधान का आर्टिकल 30

Copy Of Add A Heading 2024 11 08T234353.644
सुप्रीम कोर्ट

संविधान का आर्टिकल 30 अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान यानी स्कूल, काॅलेज और मदरसा स्थापित करने की छूट देता है और साथ ही उन्हें अपनी मर्जी के अनुसार चलाने का अधिकार भी देता है. अगर इस अधिकार में किसी तरह की बाधा उत्पन्न होती है, तो उसे संविधान के विरुद्ध माना जाएगा और यही बात सुप्रीम कोर्ट ने कही है. भारत का संविधान यह कहता है कि आर्टिकल 30 के जरिए अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित करने की कोशिश की गई है, ताकि देश में धर्म और भाषा के आधार पर किसी तरह का भेदभाव ना हो.

Copy Of Add A Heading 2024 11 08T235258.543
क्या है आर्टिकल 30, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना 57 साल पुराना फैसला 3

विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की क्या है खासियत?

1875 में सर सैयद अहमद खान ने अलीगढ़ में मदरसतुल उलूम की स्थापना की थी और इसी के साथ ही यहां एएमयू के स्थापना की शुरुआत हुई. उन्होंने। 7 जनवरी, 1877 को मदरसातुल उलूम मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज (एमएओ) बनवाया था. उनका उद्देश्य मुसलमानों को इस्लामिक तौर-तरीकों से दूर किए बिना आधुनिक शिक्षा देना था. उन्होंने मुसलमानों में वैज्ञानिक सोच पैदा करने और भारतीयों को उनकी अपनी भाषा में पश्चिमी ज्ञान उपलब्ध कराने के लिए 1863 में साइंटिफिक सोसाइटी की स्थापना की थी. वे यह चाहते थे कि पुरानी चीजों के साथ ही नई चीजों को सीखा जाए.
1920 में हुई एएमयू की स्थापना
एमएओ कॉलेज को 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना दिया गया. इसका उद्देश्य इस्लामिक रीति-रिवाजों के साथ ही नई शिक्षा को प्राप्त करना था. हालांकि विश्वविद्यालय सबके लिए खुले थे और यहां किसी भी तरह का भेदभाव शिक्षा देने में नहीं था.

1,155 एकड़ में फैला है एएमयू
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कुल 1,155 एकड़ में फैला है और यह शिक्षा की पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरीकों से 300 से अधिक कोर्स करवाता है. विश्वविद्यालय में वर्तमान में 37,327 से ज़्यादा छात्र, 1,686 शिक्षक और 5,610 गैर-शिक्षण कर्मचारी हैं. यहां विदेशों से भी छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं.

Also Read : LK Advani : हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाले नेता, जिन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक निकाली थी राम रथयात्रा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें