16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सुब्रमण्यम स्वामी ने दर्ज कराया था नेशनल हेराल्ड केस का FIR, जिन्हें इंदिरा गांधी ने IIT से किया था बर्खास्त

Subramanian Swamy : सुब्रमण्यम स्वामी एक कट्टर हिंदूवादी नेता माने जाते हैं, जिनका कांग्रेस पार्टी और उनके शीर्ष नेताओं पर जबर्दस्त हमला करने का रिकाॅर्ड रहा है. 2012 में उन्होंने एक एफआईआर दर्ज कराया जिसमें यह दावा किया गया कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड जो एक सार्वजनिक कंपनी थी, उसकी संपत्ति पर गलत तरीके से सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कब्जा कर लिया है. यह केस एक बार फिर गरमाया हुआ है क्योंकि इस केस में दोबारा एफआईआर हाल ही में अक्टूबर महीने में दर्ज कराई गई है.

Subramanian Swamy : कांग्रेस पार्टी के मुखपत्र रहे नेशनल हेराल्ड के पुराने केस की वापसी हो गई है, जिसकी वजह से यह केस और इसके आरोपी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी फिर से चर्चा में हैं. संसद का शीतकालीन सत्र भी अभी चल रहा है, इसलिए सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी की स्थिति है. कांग्रेस यह कह रही है कि राजनीतिक साजिश के तहत केस बनाया जा रहा है और जांच एजेंसियां बीजेपी के इशारे पर काम कर रही हैं, जबकि बीजेपी यह कह रही है कि कांग्रेस का फ्रस्ट्रेशन सामने आया है.

नया एफआईआर ईडी की शिकायत पर दर्ज किया गया है इसलिए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि यह एक ऐसा केस है जिसमें पैसे या अचल संपत्ति का कोई लेन-देन नहीं हुआ है. बावजूद इसके इस मामले में ईडी को ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ दिखता है. उन्होंने कठोर शब्दों में कहा है कि अगर बदला लेना सिलेबस होता, तो बीजेपी ऑनर्स के साथ ग्रेजुएट होती. आइए समझते हैं क्या है पूरा मामला और कौन हैं सुब्रमण्यम स्वामी, जिन्होंने इस केस की एफआईआर दर्ज कराई थी?

क्या है नेशनल हेराल्ड केस और इससे जुड़ा भ्रष्टाचार का मामला?

Sonia-And-Rahul-Gandhi
सोनिया और राहुल गांधी

नेशनल हेराल्ड दरअसल एक अखबार था, जिसकी शुरुआत पंडित नेहरू ने 1938 में की थी. स्वतंत्रता से पहले लोगों को जागरूक करने के लिए समाचार पत्र प्रकाशन के लिए एक कंपनी की स्थापना की गई, जिसका नाम था एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL). इस मीडिया कंपनी की स्थापना 1937 में की गई थी, जिसके तहत अंग्रेज़ी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज की शुरुआत हुई. पंडित नेहरू ने नेशनल हेराल्ड की शुरुआत की थी, लेकिन खराब आर्थिक स्थिति की वजह से 2008 में नेशनल हेराल्ड बंद गया और AJL पर करीब ₹90.21 करोड़ का कर्ज़ था. एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड एक सार्वजनिक कंपनी थी, किसी व्यक्ति विशेष की कंपनी नहीं थी. उस वक्त नेशनल हेराल्ड ने 2000 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति जिसकी कीमत वर्तमान में ईडी के अनुसार 5000 करोड़ रुपए है, अपने पास रखी.

नेशनल हेराल्ड मामला क्या है?

नवंबर 2012 में बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने धोखाधड़ी से AJL पर कब्जा कर लिया. सुब्रमण्यम स्वामी का दावा है कि कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर कब्जा कर लिया था. स्वामी का यह भी आरोप है कि AJL इन प्रॉपर्टीज का इस्तेमाल कमर्शियल कामों के लिए कर रही थी। दूसरे शब्दों में, AJL को कथित तौर पर लाखों रुपये का किराया मिल रहा था. स्वामी का यह भी आरोप था कि अखबार चलाने के लिए AJL को 90.21 करोड़ का ऋण दिया गया था, जिसे कभी वापस नहीं किया गया और सारी संपत्तियां कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए एक निजी कंपनी यंग इंडियन को महज 50 लाख रुपए में बेच दी गई. स्वामी का दावा है कि यह पूरी प्रक्रिया शेल कंपनी(कागजी कंपनी) के जरिए पूरी की गई.

क्या सुब्रमण्यम स्वामी और सोनिया गांधी के रिश्ते में तल्खी शुरू से रही है?

सुब्रमण्यम स्वामी एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने सोनिया गांधी पर कई तरह के आरोप लगाए हैं और कई बार विवादित व्यक्तिगत टिप्पणी भी की है. लेकिन सुब्रमण्यम स्वामी के रिश्ते शुरुआत से सोनिया गांधी के साथ ऐसे नहीं रहे हैं. जब स्वामी ने राजनीति में एंट्री ली थी, तो इनके रिश्ते सामान्य थे या यह कह सकते हैं कि कम से कम तल्ख तो नहीं थे. समय के साथ बदलाव आया और सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी पर तीखे हमले शुरू कर दिए और इसी क्रम में उन्होंने नेशनल हेराल्ड केस में उन्हें आरोपी बनाते हुए एफआईआर भी दाखिल किया.

विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर और विशेष आलेख पढ़ने के लिए क्लिक करें

कौन हैं सुब्रमण्यम स्वामी?

सुब्रमण्यम स्वामी एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और राजनेता हैं. उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के बाद वहां एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर काम भी किया है. फिर वे आईआईटी दिल्ली में भी प्रोफेसर के तौर पर काम कर चुके हैं, हालांकि इंदिरा गांधी से विवाद के बाद उन्हें आईआईटी से निकाल दिया गया था, जिसके खिलाफ वे कोर्ट गए और उनकी बहाली फिर हो गई. 1991 में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उन्होंने आईआईटी से इस्तीफा दे दिया था. जनसंघ की ओर से वे राज्यसभा भी गए थे. इन्होंने अपनी जनता पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया था. वे एक कट्टर राष्ट्रवादी और हिंदूवादी की छवि प्रस्तुत करते हैं.

ये भी पढ़ें : Third World Countries : किसे कहते हैं तीसरी दुनिया, क्या भारत इस सूची में है शामिल?

Ravi-Shastri-Podcast
रवि शास्त्री का इंटरव्यू
Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक मुद्दे, इतिहास, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel