16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Story of Viral Video Orca : डॉल्फिन ओर्का के झूठे वीडियो ने कितनी की कमाई? समझें कैसे हो जाते हैं वायरल

Story of Viral Video Orca : सोशल मीडिया और एआई के दुरुपयोग ने सच और झूठ का फर्क इतना कम कर दिया है कि आम आदमी कई बार धोखे का शिकार हो जाता है. अगस्त के महीने में ऐसा ही कुछ हुआ, जब ओर्का डॉल्फिन का एक वीडियो सोशल मीडिया में आंधी की तरह आया, लेकिन कुछ ही समय में यह बात सामने आई कि यह वीडियो एआई जेनरेटेड है और इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है. आखिर ऐसे वीडियो क्यों बनाए जाते हैं, क्या है इनका सच?

Story of Viral Video Orca : अगस्त के महीने में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफाॅर्म पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें यह दिखाया गया कि डाॅल्फिन परिवार की जाइंट मछली ओर्का ने अपनी ट्रेनर को निगल लिया. यह वीडियो इतना भयावह और सच के करीब दिख रहा था कि इसे हाथोंहाथ लिया गया. इस वीडियो को देखने वालों की संख्या हर प्लेटफाॅर्म पर मिलियन में थी. बच्चे, बूढ़े और जवान सभी ने इस वीडियो को देखा और वे दंग रह गए कि ऐसा भी हो सकता है. लेकिन कुछ ही समय में यह सच्चाई सामने आ गई कि यह वीडियो फेक है और ना ही विश्व में ऐसी कोई घटना हुई है और ना ही कहीं जेसिका रैडक्लिफ नाम की कोई मरीन ट्रेनर है. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि आखिर ऐसे वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कैसे हो जाते हैं और जो लोग भी इस तरह का वीडियो बनाते हैं उनका उद्देश्य क्या होता है?

फेक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कैसे हो जाते हैं?

किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म का एल्गोरिद्म (स्टेप बाई स्टेप निर्देश) इस तरह का बनाया जाता है कि वह सनसनीखेज (sensational) कंटेंट को ज्यादा प्रमोट करें. इसके पीछे दो प्रमुख वजह है –

  1. बिजनेस
  2. मनोविज्ञान

बिजनेस का उद्देश्य

कोई भी सोशल मीडिया कंपनी विज्ञापन के जरिए पैसा कमाती है. उनके कंटेंट पर एक यूजर जितना समय गुजारता है उसी के हिसाब से उसे पैसे मिलते हैं. सोशल मीडिया का एल्गोरिद्म उसी कंटेंट को प्रमोट करता है जिसपर एक यूजर ज्यादा समय गुजारता है.

मानव मनोविज्ञान

सोशल मीडिया में वैसे ही कंटेंट वायरल होते हैं, जिससे इंसान की भावनाएं जुड़ी होती हैं. इसे ऐसे समझते हैं कि एक इंसान का दिमाग उस चीजों पर ज्यादा समय देता है, जिससे उसे डर लगता हो, गुस्सा आता हो, हैरानी होती हो या फिर उसे आनंद आता हो. बस इसी वजह से सोशल मीडिया में उसी तरह के कंटेंट ज्यादा वायरल होते हैं, जो इंसानी दिमाग के इन भावनाओं को प्रमोट करते हैं.

फेक वीडियो बनाने के पीछे उद्देश्य क्या है?

फेक वीडियो का कंटेंट बहुत ही सनसनीखेज होता है, क्योंकि इनका उद्देश्य वीडियो पर अधिक से अधिक व्यूज और वाॅच टाइम लेना होता है. कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि नकारात्मक या चौंकाने वाली खबरें, सकारात्मक खबरों से कई गुना तेजी से वायरल होती हैं. सोशल मीडिया पर वायरल खबरों की कमाई उनके व्यूज और वाॅच टाइम से जुड़ी होती है. किसी कंटेंट को जितना ज्यादा कंज्यूम किया जाएगा उसे क्रिएट करने वाले की उतनी ही कमाई होगी. बस इसी वजह से फेक वीडियो को क्रिएट किया जाता है और उसे वायरल किया जाता है.

कंटेंट वायरल हो सकता है यह एल्गोरिद्म कैसे समझता है?

सोशल मीडिया पर एक शब्द प्रचलित है इंगेजमेंट ( Engagement ) इसका अर्थ यह होता है कि किसी कंटेंट पर कितने लाइक, कमेंट, शेयर आ रहे हैं और उस कंटेंट को कितनी देर देखा और पढ़ा जा रहा है. अगर किसी कंटेंट पर इंगेजमेंट ज्यादा होता है, तो उस सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म का एल्गोरिद्म यह समझ लेता है कि वह कंटेंट वायरल हो सकता है पर उसे ज्यादा से ज्यादा प्रमोट किया जाता है. इसी कंटेंट को ट्रेंडिंग कंटेंट माना जाता है.

ओर्का के झूठे वीडियो ने कितनी की कमाई

सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर कोई वायरल वीडियो कितनी कमाई करेगा, इसे तय करने के कई पैमाने तय हैं. सबसे पहले तो यह देखा जाता है कि वह वीडियो किस प्लेटफाॅर्म पर चल रहा है, उसके बाद यह देखा जाता है कि उसमें कितने यूजर आए हैं, कितना व्यूज है, कितना वाॅच टाइम है, साथ ही उसपर कितने लाइक, कितने कमेंट और कितना शेयर है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखकर ही उस वीडियो की कमाई तय की जाती है. मसलन अगर यूट्‌यूब पर कोई वीडियो एक हजार व्यू लाती है तो उसे 80 रुपए से 400 रुपए तक मिल सकते हैं. वहीं Facebook और Instagram Reels में कमाई ब्रांड डील और स्पॉन्सर्ड पोस्ट से होती है. एक्स पर फॉलोअर्स और एंगेजमेंट के आधार पर कमाई होती है. गौर करने वाली बात यह है कि आजकल सोशल मीडिया फेक न्यूज पर लगाम कस रही है, इसी वजह से ऐसे वीडियो को बैन या डिलीट कर दिया जाता है, जो गलत जानकारी दे रहे हैं. कई बार ऐसे चैनल को भी बैन कर दिया जाता है, जो फेक न्यूज देते हैं. ओर्का वाले वीडियो का सच भी जल्दी ही सामने आ गया था, इसलिए यह कहना गलत होगा कि इसने लाखों की कमाई की. हां, यह जरूर हुआ होगा कि इसने हजारों में कमाई की होगी, लेकिन जब वीडियो का सच सामने आ गया, तो इसका मोनेटाइजेशन बंद कर दिया गया होगा और इसे लिमिटेड भी कर दिया गया होगा, जिसकी वजह से इसपर ज्यादा कमाई नहीं हुई होगी.

ये भी पढ़ें : क्या भारत में आ सकता है अफगानिस्तान जैसा या उससे भी खतरनाक भूकंप?  बिग वन ड्‌यू के दावे का सच जानिए

भारत-चीन के बीच 1947 से पहले नहीं था कोई सीमा विवाद, तिब्बत पर चीन के कब्जे से शुरू हुआ संघर्ष

Tsunami : जलप्रलय लेकर आता है सुनामी, जानिए भूकंप से कैसे है अलग?

Donald Trump : अब क्या करेंगे डोनाल्ड ट्रंप, कोर्ट ने टैरिफ को बताया अवैध; 5 प्वाइंट्‌स में समझें

Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक मुद्दे, इतिहास, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel