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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इस बार 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है. बिहार में इस बार किसकी सरकार बनेगी, इसे लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है. महागठबंधन और एनडीए दोनों अपनी पूरी ताकत इस चुनाव में लगा रही है. इस महासंग्राम में कई ऐसे चेहरे भी है, जिनके साथ उनके परिवार की साख जुड़ी हुई है. उनका भविष्य कैसा होगा क्या वे चुनाव जीत पाएंगे या अपनी पहचान विरासत से अलग बना पाएंगे? यह सवाल सिवान जिले के रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के राजद प्रत्याशी ओसामा शहाब को लेकर किया जा रहा है. ओसामा शहाब, सिवान के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के बेटे हैं.
कौन हैं ओसामा शहाब?
ओसामा शहाब सिवान के सांसद और एक जमाने के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के बेटे हैं. राजद ने वर्तमान विधायक हरिशंकर यादव की जगह ओसामा शहाब को रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है. पार्टी की यह नीति स्पष्ट कर रही है कि उसे आज भी शहाबुद्दीन की साख पर भरोसा है. ओसामा शहाब ने रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव से ही एक तरह से डेब्यू किया है. इससे पहले उन्हें चुनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं है.हां, उनके पीछे उनके पिता की विरासत है, जिसकी वजह से पार्टी ने ओसामा पर दांव खेला है. ओसामा की कोशिश यह है कि वे कुछ अलग करें. हालांकि अभी तक उस तरह की कोई बात नजर नहीं आई है. ओसामा यह कोशिश कर रहे हैं कि लोकल लोगों से कनेक्ट बनाएं, उनकी बोलचाल को अपनाएं. ओसामा शहाब अपने पिता की तरह दिखते भी हैं, इसलिए उन्हें अपने पिता की छवि का पूरा लाभ मिलने वाला है. उनके साथ एक परेशानी यह भी है उनके पिता की छवि आपराधिक पृष्ठभूमि की थी, जिसकी वजह से उनके नंबर कट सकते हैं. ओसामा ने पिछले साल ही अपनी मां के साथ राजद ज्वाइन किया था और अब वे चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं. ओसामा शहाब, शहाबुद्दीन की तीन संतानों में से एक हैं. शहाबुद्दीन की दो बेटियां और एक बेटा हैं.
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क्या ओसामा पर भी दर्ज हैं कई आपराधिक मामले?
शहाबुद्दीन की आपराधिक छवि को भूलकर अगर ओसामा पर नजर डालें, तो पाएंगे कि ओसामा पर भी कई क्रिमिनल केस दर्ज हैं. उन्होंने अपने एफिडेविट में यह जानकारी दी है कि उनपर दो आपराधिक मामले पेडिंग हैं, हालांकि उनपर किसी भी मामले में आरोप सिद्ध नहीं हुआ है. ओसामा की उम्र 31 साल की है और वो विवाहित हैं. उन्होंने दिल्ली से मैट्रिक की शिक्षा प्राप्त की है, उससे आगे की पढ़ाई उन्होंने नहीं की है. उनकी पत्नी पेशे से डाॅक्टर हैं. प्रभात खबर के पाॅलिटिकल एडिटर मिथिलेश कुमार बताते हैं कि ओसामा शहाब राजनीति में नए हैं. उनके पीछे पिता शहाबुद्दीन की विरासत ही है, जिनके भरोसे पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है. उनकी शक्ल अपने पिता से मिलती है, जिसकी वजह से लोग आसानी से कनेक्ट फील करते हैं. उनके पास अनुभव की कमी है, लेकिन वो कुछ अलग करके चुनाव जीतना चाह रहे हैं. चुनाव प्रचार में कम बोलते हैं और पिता से अलग व्यवहार करते हैं. उन्हें कैडर वोट तो मिलेगा ही, लेकिन अगड़ों और पिछड़ों की लड़ाई में शहाबुद्दीन फैक्टर कितना काम करेगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा.
कैसा है रघुनाथपुर का समीकरण?
रघुनाथपुर में मुस्लिम और यादव वोटर्स की संख्या अधिक है, इस लिहाज से ओसामा को राजद के कैडर वोटर्स का समर्थन तो मिल जाएगा, लेकिन अन्य वोटर्स ओसामा के साथ जाएंगे इसकी संभावना कम नजर आती है. इसकी वजह यह है कि रघुनाथपुर में यह चुनाव अगड़ों और पिछड़ों के बीच जंग बन गया है, ऐसे में फारवर्ड क्लास ओसामा के साथ जाएगा इसकी संभावना बहुत कम नजर आ रही है. राजद को उम्मीद है कि शहाबुद्दीन फैक्टर और युवा चेहरे की बदौलत राजद यहां का चुनाव जीत जाएगी. रघुनाथपुर के वर्तमान विधायक हरिशंकर यादव चुनाव प्रचार के दौरान आम लोगों से यह कह रहे हैं कि आप इस लड़के को चुनाव में जीत दिलाएं, ताकि प्रदेश में भी एक युवा मुख्यमंत्री बने.
ओसामा शहाब किसके बेटे हैं?
ओसामा शहाब, सिवान के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के बेटे हैं.
ओसामा शहाब ने कहां तक पढ़ाई की है?
ओसामा शहाब ने दिल्ली से मैट्रिक तक की पढ़ाई की है.
शहाबुद्दीन कहां से सांसद थे?
शहाबुद्दीन सिवान से सांसद थे.
शहाबुद्दीन की मौत कैसे हुई?
शहाबुद्दीन की मौत एक मई 2021 को कोविड की वजह से हुई थी.
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