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Afghanistan vs Pakistan War : डूरंड लाइन को लेकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच क्या है विवाद?

Afghanistan vs Pakistan War : 1947 में जब भारत के बंटवारे के बाद पाकिस्तान का निर्माण हुआ, तो अफगानिस्तान ने उसे तुरंत मान्यता नहीं दी और संयुक्त राष्ट्र में उसके प्रवेश के खिलाफ मतदान किया था. हालांकि बाद में स्थिति काफी बदली और दोनों देश सामान्य संबंध बहाल करने की कोशिश करने लगे, लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा है डूरंड रेखा, जिसे अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा मानने से अफगानिस्तान पहले भी इनकार करता था और अब भी तालिबान सरकार इसे स्वीकार नहीं करती है.

Afghanistan vs Pakistan War : पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक बार फिर आमने-सामने हैं. पिछले सप्ताह के सप्ताहांत में 11 अक्टूबर से दोनों देशों की सेना एक दूसरे पर आक्रमण कर रही है, जिसमें अबतक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. अफगानिस्तान की ओर से यह दावा किया गया था कि उसने पाकिस्तान के 58 लोगों को मारा, जबकि पाकिस्तान इससे अलग दावा कर रहा है. बेशक अभी सही आंकड़ा देना संभव नहीं है, लेकिन यह तो कहा ही जा सकता है इस युद्ध में सेना और आम आदमी को मिलाकर सैकड़ों लोगों की मौत हुई है. यह युद्ध डूरंड रेखा (Durand Line) के आसपास जारी है. डूरंड रेखा वह सीमा है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच विवाद है, आइए समझते हैं कि डूरंड रेखा क्या है और दोनों देशों के बीच विवाद की मुख्य वजह क्या है?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध की वजह क्या है?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंध पहले बहुत तनावपूर्ण नहीं थे, लेकिन आज यह स्थिति है कि दोनों देश सीमा पर युद्ध लड़ रहे हैं. पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनखवा प्रांत में आतंकवादी संगठन तहरीक एक तालिबान यानी टीटीपी का वर्चस्व है, जो पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधि को बढ़ावा दे रहा है.हालांकि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार इससे इनकार करती है. पाकिस्तान का यह भी दावा है कि भारत टीटीपी आतंकियों को सहायता देती है ताकि वह पाकिस्तान को अस्थिर कर सके.

पिछले सप्ताह अफगानिस्तान ने यह दावा किया कि पाकिस्तान ने काबुल और देश के पूर्वी हिस्से में एक बाजार पर बमबारी की जिसके बाद सीमा पर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बन गई, हालांकि पाकिस्तान ने हमले की बात को स्वीकारा नहीं, लेकिन उसने खंडन भी नहीं किया. यह तमाम संघर्ष डूरंड सीमा पर हुए हैं, जिसे स्वीकार करने से अफगानिस्तान इनकार करता रहा है. पाकिस्तान ने इस सीमा पर बाड़ लगाए हैं, यह भी युद्ध की एक वजह है. इस युद्ध की वजह से व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि कई प्रमुख सीमा क्रॉसिंग को पाकिस्तान ने बंद कर दिया है.

क्या है डूरंड रेखा, जिसकी वजह से पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं आमने-सामने?

डूरंड रेखा या Durand Line अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा है, जिसकी लंबाई 2,640 किलोमीटर है. इस रेखा का निर्धारण ब्रिटिश भारत के काल में 1893 में विदेश सचिव मॉर्टिमर डूरंड और अफगान शासक अमीर अब्दुर रहमान खान के बीच हुए समझौते के बाद हुआ था. अपनी सुविधा के लिए अंग्रेज अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों में अपना प्रभाव जताना चाहते थे. यह एक सीमा रेखा थी, लेकिन अफगानिस्ता ने हमेशा इस सीमा रेखा पर आपत्ति जताई और इस रेखा के बारे में कहा कि यह सहमति से बनाई गई रेखा नहीं थी, बल्कि इसे अंग्रेजों ने उनपर थोपा था.

डूरंड रेखा की वजह से अफगानिस्तान का पश्तून समाज दो हिस्सों में जिसकी वजह से पश्तून जाति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा क्योंकि उनकी आधी आबादी अफगानिस्तान में रही और आधी पाकिस्तान में. आज का बलूचिस्तान पश्तून लोगों का ही इलाका है. यह एक कबीलाई जीवन जीने वाले लोग हैं, जो कट्टर इस्लामिक रीति-रिवाज को मानते हैं.डूरंड लाइन को लेकर पाकिस्तान का कहना यह है कि उसे यह सीमा अंग्रेजों ने सौंपी है, जो एक तरह से उनकी विरासत है, इसी वजह से पाकिस्तान ने वहां बाड़ भी लगाया है, लेकिन अफगानिस्तान इस सीमा को मानने को तैयार नहीं है और इसी वजह से दोनों देश आमने-सामने है और यह विवाद की सबसे बड़ी वजह है.

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कौन सी रेखा है?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा है.

पाकिस्तान ने कहां बाड़ लगाया है?

पाकिस्तान ने डूरंड रेखा पर बाड़ लगाया है.

किसने डूरंड रेखा का निर्माण कराया था?

1893 में विदेश सचिव मॉर्टिमर डूरंड ने डूरंड रेखा का निर्धारण करवाया था.

क्या डूरंड रेखा को अफगानिस्तान स्वीकार करता है?

नहीं, अफगानिस्तान इसे थोपा हुआ बताता है.

भारत और श्रीलंका के बीच कौन सी रेखा है?

भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलसंधि है.

Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक मुद्दे, इतिहास, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

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