29.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Prabhat Khabar Special: लाह, तसर और सब्जियों की खेती से लखपति बनी खूंटी की ओलिव, पढ़ें पूरी खबर

खूंटी की महिला किसान ओलिव बादु लखपति किसान के नाम से जानी जाती है. JSLPS की महिला समूह से जुड़ी ओलिव लाह के अलावा तसर और सब्जियों की खेती के सहारे लखपति बनी है. ओलिव अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने की गुर सीखा रही है.

Prabhat Khabar Special: झारखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं सखी मंडल के जरिए आजीविका के विविध साधनों से जुड़कर लगातार अपनी आजीविका को मजबूत बना रही है. ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को ऋण आदि वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सहजता हुई है जिससे आसानी से आजीविका के विभिन्न अवसर तलाश कर अपना और अपने गांव का विकास कर रही है. पहले जहां इन ग्रामीण महिलाओं की दुनिया ही अपने घरों की चार दीवारों में सिमटी हुई थी, वहीं आज ये महिलाएं सखी मंडल से जुड़कर सफलता की नयी कहानियां गढ़ रही है. ऐसी ही एक महिला है खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत रुमुतकेल गांव की ओलिव बादु. ओलिव अपने गांव में लखपति महिला किसान के रूप में जानी जाती है. लाह, तसर और सब्जी आदि की खेती एवं उत्पादन कर ओलिव साल भर में दो लाख रुपये तक की आमदनी कर लेती है.

Undefined
Prabhat khabar special: लाह, तसर और सब्जियों की खेती से लखपति बनी खूंटी की ओलिव, पढ़ें पूरी खबर 2

सखी मंडल से जुड़कर खुली आजीविका की नयी राहें

ओलिव बादु वर्ष 2017 में रोशनी महिला मंडल के जरिए आजीविका मिशन से जुड़ी. समूह से जुड़ने से पहले ओलिव की दुनिया अपने परिवार तक ही सीमित थी. धान की खेती और मजदूरी के जरिए उनके घर का भरण-पोषण बहुत मुश्किल से हो पाता था. कभी-कभी तो पैसों के अभाव में खेती भी नियमित नहीं होती थी, लेकिन समूह से जुड़ने से पहले ओलिव को कम ब्याज पर आसान ऋण का आसरा मिला जिससे उन्होंने सबसे पहले सब्जी की खेती करनी शुरू की. 

ओलिव ने पहली बार सब्जी की खेती शुरू की

इस संबंध में महिला किसान ओलिव ने कहा कि पहली बार सब्जी की खेती के लिए तीन हजार का ऋण समूह से लिया था जिससे टमाटर की खेती की शुरू की. फसल से तकरीबन 10 हजार रुपये की आमदनी हुई. फिर खेती के लिए समूह से नियमित ऋण लेने लगे. धान की भी खेती करनी शुरू की. JSLPS की ओर से खेती के लिए कई नयी उपयोगी बातों का भी पता चला जिससे उत्पादन में काफी सुधार आया. अब तो हर फसल से कम से कम 15 से 20 हजार रुपये की आमदनी तो हो ही जाती है.

Also Read: IHM रांची कर रहा मड़ुआ को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कोशिश, आधे घंटे में बनाये 114 डिश

लाह की खेती से जुड़ी ओलिव

ओलिव वर्ष 2018 में मुरूदबाहा आजीविका उत्पादक समूह से जुड़ीं. उनके उत्पादक समूह में 54 सदस्य हैं. उत्पादक समूह से जुड़कर उन्हें लाह की खेती की आधुनिक तकनीक की जानकारी मिली. वैसे तो ओलिव और उनका परिवार पहले भी कभी-कभार पारंपरिक तरीके से लाह की खेती करता था, लेकिन उसमें उनको कभी बड़ा मुनाफा नहीं हो पाता था और मुश्किल से 10 हजार रुपये तक की ही आमदनी हो पाती थी. लेकिन, उत्पादक समूह से जुड़कर उन्हें वैज्ञानिक पद्धति से लाह की खेती करने का प्रशिक्षण मिला जिसमें उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली जैसे लाह के कीड़ों के लिए सही पेड़ों का चुनाव, उचित देख-भाल, नियमित कीटनाशक का छिड़काव आदि और उनकी लाह की उपज में सुधार आया.

लाह की खेती ने बनाया लखपति

ओलिव 2019 से लाह की खेती कर रही है और वर्ष में दो बार लाह की कटाई कर उसकी बिक्री करती है. इस साल फरवरी से जुलाई के मध्य ब्रूड (बीहन) लाह का उत्पादन और बिक्री करके ओलिव बादु ने एक लाख रुपये की आमदनी की है और खेती के दूसरे चक्र में भी उन्हें और एक लाख रुपये तक की आमदनी होने की आशा है.

वर्ष 2019 से तसर की खेती से जुड़ी ओलिव

लाह की खेती के साथ ही ओलिव ने तसर कोकून उत्पादन का भी कार्य 2019 से शुरू किया. ओलिव हर साल तसर की खेती से लगभग 20-25 हजार रुपये तक की आमदनी कर लेती है. ओलिव कहती है कि पहले हमें तसर और कोकून उत्पादन की कोई जानकारी नही थी, पर जब घर बैठे ही कमाई का साधन मिला, तो मैंने तसर कोकून उत्पादन का काम करने का भी निश्चय किया. JSLPS के महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना के तहत कोकून उत्पादन की वैज्ञानिक पद्धति के जरिए खेती करने का प्रशिक्षण दिया. अब तो समूह की अन्य महिलाएं भी कोकून उत्पादन से जुड़ गयी है.

Also Read: Diwali 2022: इस दिवाली कुम्हारों की बढ़ी उम्मीद, तेजी से चला रहे चाक

आजीविका ने दिलायी नयी पहचान

लखपति किसान के रूप में पहचान बनने पर ओलिव अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहती हैं कि समूह में जुड़ने से पहले मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि अपने गांव में ही मुझे आजीविका का अवसर मिलेगा और मैं अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम हो पाऊंगी. पर, आज सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हूं. अब ओलिव अपने बच्चों को बेहतर स्कूल में शिक्षा दे रही है. गांव में मेरे जैसी अन्य महिलाएं भी लगातार समूह से लाभ लेकर आगे बढ़ रही है. कहती है कि मैं चाहूंगी कि राज्य में समूह से जुड़ी सभी महिलाएं मेरी तरह गरीबी से बाहर निकलकर सशक्त बने, जिससे गांव समेत ग्रामीण का विकास हो सके.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें