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उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रहा है स्टार्टअप इंडिया, पढ़ें पीयूष गोयल का खास लेख

Startup India : नवाचार हमेशा से भारतीय डीएनए का हिस्सा रहा है. चाहे वह शतरंज का खेल हो या प्राचीन भारत में ‘शून्य’ की अवधारणा हो या आज का यूपीआइ, चंद्रयान और मंगलयान हो. स्वस्थ अनुसंधान और विकास के माध्यम से प्राप्त नये विचार, नवीन वस्तुएं और सेवाएं भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के अपने अभियान में आगे बढ़ायेंगी. वर्ष 2015 में स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को वैश्विक स्टार्टअप हब बनाने और देश को रोजगार सृजन करने वाले देश में बदलने के अपने सपने से हमें अवगत कराया था.

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Startup India : प्रयागराज में संगम तट पर हुए महाकुंभ की शानदार सफलता के बाद अब विकास की तीन धाराओं- नवाचार, रोजगार सृजन और उद्यमिता के संगम का जश्न मनाने का समय आ गया है. ये तीनों धाराएं तीन से पांच अप्रैल, 2025 तक नयी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित हो रहे स्टार्टअप महाकुंभ में समाहित होंगी. इस वर्ष के कार्यक्रम का विषय स्टार्टअप इंडिया @2047 है. इस कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों की भागीदारी के साथ 3,000 से अधिक स्टार्टअप, 1,000 से अधिक निवेशक, 500 से अधिक वक्ता तथा दुनियाभर से 15,000 से अधिक प्रतिनिधि और व्यवसायी शामिल होंगे.

यह कार्यक्रम स्टार्टअप के लिए सहयोग, मार्गदर्शन, धन उपलब्ध कराने और नये बाजारों तक पहुंच का पता लगाने का एक शक्तिशाली मंच होगा. समर्पित विशेषज्ञों की कक्षाएं, ज्ञान सत्र और नेटवर्किंग फोरम के साथ, यह न केवल नवाचार को बढ़ावा देगा, बल्कि उद्यमियों की अगली पीढ़ी को अपने उद्यम शुरू करने के लिए प्रेरित भी करेगा. इस महाकुंभ में, तीन स्तरीय निवेशक-नेतृत्व वाली जूरी प्रक्रिया 50 करोड़ रुपये के पुरस्कार पूल के साथ भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र द्वारा वित्त पोषित ग्रैंड इनोवेशन चैलेंज में 150 फाइनलिस्ट का चयन भी करेगी.


नवाचार हमेशा से भारतीय डीएनए का हिस्सा रहा है. चाहे वह शतरंज का खेल हो या प्राचीन भारत में ‘शून्य’ की अवधारणा हो या आज का यूपीआइ, चंद्रयान और मंगलयान हो. स्वस्थ अनुसंधान और विकास के माध्यम से प्राप्त नये विचार, नवीन वस्तुएं और सेवाएं भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के अपने अभियान में आगे बढ़ायेंगी. वर्ष 2015 में स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को वैश्विक स्टार्टअप हब बनाने और देश को रोजगार सृजन करने वाले देश में बदलने के अपने सपने से हमें अवगत कराया था.

इसके बाद ही परिवर्तनकारी स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की गयी. इस पहल ने युवा ऊर्जा का ऐसा प्रवाह पैदा किया है, जो भारत की उद्यमशीलता परिदृश्य को बदल रहा है. देश में आज पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या 2016 के लगभग 500 से बढ़कर 1.7 लाख के आसपास हो गयी है. ये उद्यम फिनटेक, डीपटेक, एडटेक, नैनोटेक, बायोटेक, स्पेसटेक, एग्रीटेक और हेल्थटेक सहित 55 से अधिक क्षेत्रों में फैले हैं, जो भारत को प्रमुख प्रौद्योगिकी संचालित उद्यमिता के गढ़ के रूप में उभरने में मदद कर रहे हैं. स्टार्टअप को धन उपलब्ध कराने में सहायता देने के लिए सरकार भी सक्रिय रूप से पहल कर रही है.


सरकार द्वारा पंजीकृत स्टार्टअप ने 31 जनवरी, 2025 तक 17.69 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित की हैं. साथ ही ये वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए अत्याधुनिक समाधान भी प्रदान कर रहे हैं. गैर-आक्रामक, एआइ संचालित थर्मल इमेजिंग तकनीक के साथ स्तन कैंसर का पता लगाने में क्रांतिकारी बदलाव, किसानों को सीधे खरीदारों से जोड़कर ग्रामीण व्यापार को सरल बनाने, किफायती और कुशल भुगतान गेटवे समाधान प्रदान करने, कचरे को धन में बदलने वाले प्रभावशाली पर्यावरण अनुकूल उत्पाद बनाने, हमारे साइबर स्पेस को सुरक्षित करने जैसे कुछ बेहद महत्वपूर्ण कार्य स्टार्टअप ने किये हैं.

कोविड-19 महामारी के दौरान जिन स्टार्टअप ने मजबूत विश्लेषणात्मक समाधान, ड्रोन, दूरसंचार प्लेटफॉर्म आदि विकसित किये थे, उन्होंने संपर्क ट्रेसिंग, क्‍वारंटाइन निगरानी और वार रूम के लिए डैशबोर्ड विकसित करने और इन तकनीकों का लाभ उठाने के लिए तेजी से काम किया. पीपीइ किट, वेंटिलेटर और सैंपल कलेक्शन उत्पादों एवं सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण उपकरण बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.

स्टार्टअप इंडिया पहल ने पूरे देश में उद्यमशीलता की मानसिकता को काफी हद तक बदल दिया है. यह ऊर्जावान युवाओं को नौकरी प्रदाता बनने के लिए प्रेरित कर रहा है. उद्योग के अनुमानों के अनुसार, एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले भारतीय यूनिकॉर्न की संख्या 2016 से पहले 10 से भी कम थी, जो आज 110 से अधिक हो गयी है, जिनका सामूहिक मूल्य 385 अरब डॉलर से अधिक है.


सरकार ने सरकारी इ-मार्केटप्लेस (जीइएम) में पात्र स्टार्टअप का विशेष प्रावधान किया है. यह प्लेटफॉर्म विक्रेताओं को सरकारी विभागों द्वारा खरीद के लिए पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त पहुंच प्रदान करता है. जीइएम ने 29,780 सरकारी पंजीकृत स्टार्टअप को लोकतांत्रिक बाजार पहुंच, आसान उत्पाद सूचीकरण और सार्वजनिक खरीद में टर्नओवर और अनुभव की आवश्यकताओं में छूट की मदद से 37,460 करोड़ रुपये के 4,09,155 ऑर्डर पूरा करने में सक्षम बनाया है.

देश में फलता-फूलता स्टार्टअप इकोसिस्टम भारतीय अर्थव्यवस्था को बदल रहा है. प्रयागराज में हुए महाकुंभ ने दुनिया को भारत की आध्यात्मिक भव्यता से परिचित कराया और युवाओं को अपनी संस्कृति, विरासत व मान्यताओं को गर्व से अपनाने के लिए प्रेरित किया. स्टार्टअप इकोसिस्टम युवाओं को उद्यमशीलता की संस्कृति अपनाने में मदद कर रहा है. जो भारत को नवाचार, नयी तकनीक और नये विचारों का वैश्विक केंद्र बनायेगा.

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