Online Gaming : ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 को लोकसभा में पारित कर, जिसमें ऑनलाइन सट्टेबाजी को दंडनीय अपराध बनाने का प्रावधान है, सरकार ने इस मामले में अपनी प्रतिबद्धता का परिचय दिया है. उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से इस विधेयक को मंजूरी दी गयी थी. इस विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को कानूनी ढांचे के अंतर्गत लाना तथा डिजिटल एप्स के माध्यम से जुआ खेलने पर दंडित करना है. इसके जरिये सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि को रोकने तथा ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले मशहूर हस्तियों पर निगरानी को सख्त करने का भी उद्देश्य है.
युवाओं को उन जोखिम भरे गेमिंग एप्स से बचाना आवश्यक है, जो उन्हें आर्थिक संकट में धकेल देते हैं. सरकार का यह भी मानना है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी पर अंकुश लगाकर वित्तीय धोखाधड़ी और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने जैसी गतिविधियों को भी रोका जा सकता है. गौरतलब है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी को हतोत्साहित करने के लिए ही अक्तूबर, 2023 से ऑनलाइन गेमिंग फर्म्स पर 28 फीसदी जीएसटी लागू किया गया था. दरअसल पिछले दो साल से सरकार ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े नियमों को लगातार सख्त कर रही है. इस पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करने के अलावा खिलाड़ियों की जीत पर वित्त वर्ष 2025 से 30 प्रतिशत कर भी लगेगा.
रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि केंद्र सरकार दीपावली के आसपास लागू होने वाली संशोधित कराधान व्यवस्था के तहत ऑनलाइन गेमिंग पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगाने की योजना बना रही है. विदेशी गेमिंग प्लेटफॉर्म भी कर के दायरे में आ गये हैं और प्रवर्तन एजेंसियों को अपंजीकृत या अवैध वेबसाइटों को ब्लॉक करने का अधिकार है. सूचना प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि गेमिंग विज्ञापनों में वित्तीय जोखिमों और संभावित लत के बारे में चेतावनी देने वाले डिस्क्लेमर जरूर हों. इसका उद्देश्य इंटरनेट और ऑनलाइन गेमिंग को सुरक्षित, जवाबदेह और जिम्मेदार बनाना है.
वहीं शिक्षा मंत्रालय ने इस लत से निपटने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों को सलाह जारी की है. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक, देश में डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उदय से समाज को अपार लाभ हुआ है, लेकिन साथ ही नये जोखिम भी उत्पन्न हुए हैं, जिससे यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण हो गया है कि समाज को प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग के संभावित नुकसान से बचाया जाये.

