Indian Premier League : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आइपीएल, यानी इंडियन प्रीमियर लीग शुरू होने से ठीक पहले इसके अध्यक्ष को तंबाकू और शराब के प्रचार पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहकर एक जरूरी कदम उठाया है. आगामी 22 मार्च से कोलकाता नाइटराइडर्स और रॉयल चैलेंजर, बेंगलुरु के बीच मैच से आइपीएल, 2025 की शुरुआत होने वाली है. इस बार आइपीएल के कुल 74 मैच होंगे, जो देश की 13 जगहों पर खेले जायेंगे. फाइनल कोलकाता के ईडन गार्डन में खेला जायेगा.
आइपीएल के दौरान चूंकि करोड़ों भारतीय टीवी से जुड़े रहते हैं, इस कारण विज्ञापनदाताओं के लिए यह अपने उत्पादों के प्रचार का एक बड़ा मंच बन चुका है. इस बार के आइपीएल में विज्ञापनों से 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये आय होने की उम्मीद है. इसी परिप्रेक्ष्य में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की ओर से आइपीएल अध्यक्ष अरुण धूमल को लिखे गये पत्र में तंबाकू और शराब से होने वाली मौतों की जिक्र के साथ कहा गया है कि देश में कैंसर, फेफड़ों के रोग, डायबिटीज और हाइपरटेंशन की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. तंबाकू से होने वाली मौतों के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है, जबकि शराब से देशभर में सालाना 14 लाख मौत होती है, इसलिए बड़े स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है.
पत्र में कहा गया है कि क्रिकेट खिलाड़ी, खासकर आइपीएल में भाग लेने वाले खिलाड़ी स्वस्थ, सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए लाखों भारतीय युवाओं के रोल मॉडल हैं. ऐसे ही देश का सबसे बड़ा खेल मंच होने के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और सरकार की स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करना आइपीएल का नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है. मंत्रालय ने आयोजकों से आइपीएल के दौरान शराब और तंबाकू की बिक्री पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बात कही है, ताकि क्रिकेट प्रशंसकों पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े.
यह भी कहा गया है कि कमेंटेटरों समेत खिलाड़ियों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इन हानिकारक उत्पादों का समर्थन करने से बचना चाहिए. तंबाकू और शराब के विज्ञापनों से आइपीएल को चूंकि मोटी कमाई होती है, ऐसे में, सरकार के इस आदेश से बीसीसीआइ और आइपीएल बोर्ड को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन बीसीसीआइ जैसे धनी बोर्ड की सेहत पर इससे ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला. उल्टे शराब और तंबाकू के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाये जाने से एक मिसाल कायम होगी.