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बढ़ती नौसैनिक सक्रियता

वर्तमान में भारतीय नौसेना के दोनों बेड़े- पूर्वी एवं पश्चिमी- पूरी तरह तैनात और सक्रिय हैं.

भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में 35 युद्धपोतों और 11 पनडुब्बियों को तैनात किया है. इनके अलावा पांच हवाई जहाज भी गश्त लगा रहे हैं. यह नौसेना की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है. कुछ समय से लाल सागर में यमन के हूथी विद्रोहियों की कार्रवाई तथा समुद्री लुटेरों की गतिविधियां बढ़ने से भारत के पश्चिम में फैले विशाल समुद्री क्षेत्र में व्यापारिक जहाजों के आवागमन में मुश्किलें बढ़ गयी हैं. इसके अलावा, हिंद महासागर में चीन भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने में जुटा हुआ है. इन चुनौतियों को देखते हुए भारत ने बड़ी संख्या में युद्धपोतों और पनडुब्बियों को उतारने का निर्णय लिया है. इनमें से 10 युद्धपोत उत्तरी अरब सागर, लाल सागर, अदन की खाड़ी और सोमालिया के पूर्वी तटीय इलाके में उतारे गये हैं. इन जहाजों को समुद्री डाकुओं से निपटने तथा मिसाइलों एवं ड्रोनों का शिकार बने व्यापारिक जहाजों की मदद के लिए तैनात किया गया है. शेष युद्धपोत बंगाल की खाड़ी और दक्षिणी हिंद महासागर में सक्रिय हैं. वर्तमान में भारतीय नौसेना के दोनों बेड़े- पूर्वी एवं पश्चिमी- पूरी तरह तैनात और सक्रिय हैं.

पश्चिमी समुद्री हिस्से में नौसेना के अभियान के सौ दिन पूरे होने के अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा है कि जब तक इस समुद्री क्षेत्र में व्यावसायिक जहाजों के आवागमन सुरक्षित नहीं हो जाता, यह अभियान जारी रहेगा. लाल सागर संकट के कारण जहाजों का यातायात और बीमा खर्च बहुत बढ़ गया है. ऐसे में हमारी नौसेना की सक्रियता वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी एक संबल बन रही है. समुद्री लुटेरों के आतंक को समाप्त करने के लिए भारत ने 2022 में एक नया कानून बनाया था. हाल ही में नौसेना ने एक बड़े अभियान के बाद एक अपहृत जहाज को छुड़ाया है और 40 सोमालियाई लुटेरों को पकड़ा है. नये कानून के तहत मुंबई में इन पर मुकदमा चलाया जायेगा. भू-राजनीतिक संकटों और समुद्री लुटेरों के साथ-साथ चीनी नौसेना की बढ़ती गतिविधियों से भी हिंद महासागर की सुरक्षा एवं स्थायित्व को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं. कुछ दिन पहले भारत के रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जेनरल अनिल चौहान ने रेखांकित किया था कि चीन हमारी मुख्य रक्षा चुनौती है. उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान भले ही गंभीर आर्थिक मुश्किलों से घिरा हुआ है, पर उसकी सैनिक क्षमता में कमी नहीं आयी है. इन दिनों हिंद महासागर में चीन के 13 जहाज गश्त लगा रहे हैं. इनमें छह सैनिक पोत हैं और एक सैटेलाइट ट्रैकिंग जहाज है. इस क्षेत्र में चीनी पनडुब्बियों के अलावा कम से कम छह से आठ नौसैनिक जहाज हमेशा घूमते रहते हैं. ऐसे में भारतीय युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती एक जरूरी कदम है.

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