16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

दिल्ली में विस्फोट बड़ी साजिश का हिस्सा

Delhi Blast : जाहिर है, लाल किले के पास हुआ विस्फोट देश को दहलाने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा रहा होगा. इस बीच अचानक कुछ घटनाएं जिस तेजी से सामने आयी हैं, उनसे भी साफ है कि देश को अस्त-व्यस्त करने की साजिश रची जा रही थी.

Delhi Blast : सोमवार को देर शाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास रेड लाइट पर एक कार में हुआ विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास की कई गाड़ियों के परखच्चे उड़ गये. बारह लोगों की विस्फोट में मौत हो गयी और लगभग तीस लोग घायल हुए. पुलिस को शुरुआती जांच से पता चला है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया. चूंकि एनआइए इस मामले की जांच कर रही है, इसलिए यह बता पाना तो फिलहाल मुश्किल है कि इस हमले को किस गुट ने अंजाम दिया है. इतनी जल्दी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना भी उचित नहीं. लेकिन यह तो स्पष्ट है कि यह हमला उन मुट्ठी भर लोगों के दिमाग की उपज तो नहीं ही रहा होगा, जो गिरफ्तार हुए हैं.

जाहिर है, लाल किले के पास हुआ विस्फोट देश को दहलाने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा रहा होगा. इस बीच अचानक कुछ घटनाएं जिस तेजी से सामने आयी हैं, उनसे भी साफ है कि देश को अस्त-व्यस्त करने की साजिश रची जा रही थी. लाल किले के पास किये गये विस्फोट से पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस की सतर्कता से देश के अलग-अलग हिस्सों में कई संदिग्धों की गिरफ्तारियां हुई हैं. उन सभी को इस हमले से जोड़ कर देखे जाने की आवश्यकता है.


बीते दिनों जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. इनमें गुजरात के एक डॉक्टर को तीन पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया गया. इसी तरह जम्मू-कश्मीर के एक व्यक्ति को हरियाणा के फरीदाबाद में लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ और दो असॉल्ट राइफलों के साथ गिरफ्तार किया गया. जबकि एक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश की तारीफ में पोस्टर लगाते हुए गिरफ्तार किया गया. ये गिरफ्तारियां रविवार और सोमवार सुबह हुईं. बाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा के विभिन्न गांवों से पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया.

यह आशंका जतायी जा रही है कि लाल किला विस्फोट में इन लोगों का हाथ हो सकता है. शुरुआती स्तर पर जो चीजें सामने आयी हैं, उससे कहानी यह बनती है कि कार चला रहा व्यक्ति डॉ उमर था, जो पुलवामा का रहने वाला था. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि अपने तीन साथियों के पकड़े जाने से भयभीत उमर ने आनन-फानन में धमाके की साजिश रची और शाम होते-होते इसे अंजाम दे दिया. फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ मुजामिल अहमद गनई भी पुलवामा का रहने वाला बताया जाता है. उमर और मुजामिल, दोनों फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में कार्यरत थे. सीसीटीवी फुटेज में उमर का कटा हुआ हाथ मिला है. इसकी जांच अभी होनी है कि क्या चारों आतंकी एक दूसरे से जुड़े थे?

क्या इन चारों ने मिल कर देश को दहलाने की कोई साजिश रची थी? क्या डॉ उमर ने अपने साथियों के पकड़े जाने के बाद हड़बड़ी में यह विस्फोट किया? और क्या आत्मघाती हमले की साजिश पहले से ही रची गयी थी? चूंकि 2,900 किलोग्राम विस्फोटक की बरामदगी हुई है, ऐसे में, यह तो तय है कि देश को अस्त-व्यस्त करने की बड़ी साजिश रची जा रही थी. इतनी मात्रा में विस्फोटक अलग-अलग जगहों में विस्फोट करने की मंशा से ही इकट्ठा किये गये होंगे. सवाल यह भी है कि लाल किले के पास हुआ विस्फोट योजनाबद्ध था या अचानक कार में विस्फोट हो गया. क्योंकि जिस स्तर का विस्फोट हुआ है, उससे तय है कि आतंकवादी जान-माल की बड़ी तबाही का मंसूबा पाले हुए थे. लाल किले के पास हुए धमाके में मौत का आंकड़ा निश्चित रूप से उतना नहीं है, जितना आतंकी चाह रहे होंगे. इस सवाल का जवाब भी आने वाले दिनों में मिलेगा जरूर. सवाल यह भी है कि इस हमले का तात्कालिक उद्देश्य क्या है?


देश की राजधानी में हुआ आतंकवादी हमला निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन इस बीच दो अच्छी चीजें भी हुईं. एक तो यह कि हमने एक बड़ा षड्यंत्र रोक लिया. इसलिए इस हमले को पूरी तरह से चूक या निष्क्रियता मानना ठीक नहीं. दूसरी अच्छी बात यह है कि हमारी पुलिस ने कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. लाल किले के पास विस्फोट से पहले ही हमारी पुलिस ने देश के अलग-अलग हिस्सों में संदिग्धों की गिरफ्तारियां कीं थीं. इसके अलावा जांच एजेंसियां पुलवामा-अनंतनाग से लेकर फरीदाबाद, लखनऊ तक छापेमारी कर रही हैं, ऐसे में, देर-सवेर इनसे पूछताछ में आतंकवादियों की पूरी साजिश का पर्दाफाश होने की उम्मीद है.


लेकिन आतंकी हमलों से जुड़े मामलों से हमारी तरफ से गलती यह होती है कि हम कई बार आतंकियों की संख्या, उनकी मंशा आदि को पूरी तरह सार्वजनिक कर देते हैं. इससे बचे हुए आतंकियों को बचने, भागने और अपनी साजिश को रोक देने का अवसर मिल जाता है. कई बार हमारा आकलन एकदम सटीक नहीं होता, इसके बावजूद षड्यंत्रकारियों को आभास हो जाता है कि हमारी पुलिस और जांच एजेंसियां मुस्तैद हैं. आतंकी विस्फोट के मामले जितने गंभीर होते हैं, इनकी जांच में भी उतनी ही गंभीरता और गोपनीयता बरती जानी चाहिए.


सरसरी तौर पर भले ही इस आतंकी हमले के पीछे के हाथ के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी न हो, लेकिन यह मानने का कारण है कि इसके तार कश्मीर से जुड़े हुए हैं. एक तो इसलिए कि आत्मघाती हमलावर खुद पुलवामा का था.
जांच एजेंसियों ने वहां से उसके एक डॉक्टर दोस्त को भी गिरफ्तार किया है. इसके अलावा पिछले कुछ समय से वहां सोशल मीडिया पर देशविरोधी जो गतिविधियां चल रही थीं, उनसे भी साजिश का पता चलता है. इस आतंकी मॉड्यूल का खुलासा दरअसल तब हुआ, जब विगत 19 अक्तूबर को नौगाम तथा श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में पाक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के धमकी भरे पोस्टर लगाये गये थे. ऐसे में, यह हमला जैश के मॉड्यूल के जरिये पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ की साजिश भी हो सकती है.

हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हुई गिरफ्तारियों और हथियारों की बरामदगियों से साफ है कि आतंकी हमले की सुनियोजित साजिश व्यापक स्तर पर रची जा रही थी. उस साजिश को भले ही विफल कर दिया गया हो, लेकिन दिल्ली में हुआ धमाका चेतावनी है कि हमें सतर्कता बनाये रखनी होगी. पुलिस और जांच एजेंसियों पर पूरा भरोसा है कि वे इस हमले की तह तक जायेंगी. लेकिन आंतरिक सुरक्षा बनाये रखने के लिए सतत जागरूकता की भी जरूरत है.
(ये लेखक के निजी विचार हैं.)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel