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हॉकी में फिर एशिया का सरताज बना भारत, पढ़ें सत्येन्द्र पाल सिंह का लेख

Asia Cup Hockey 2025 : भारत के नौजवान स्ट्राइकर अभिषेक नैन ने एशिया कप में छह गोल दागे और 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' बने. सुखजीत सिंह और कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने भी टूर्नामेंट में छह-छह गोल किये. अभिषेक ने तो शुरुआती मैचों में रिवर्स हिट से गोल करने में नाकाम रहने के बाद गोल करने के जो मौके बनाये और पेनल्टी कॉर्नर बनाने पर जिस तरह ध्यान केंद्रित किया, वह भारतीय टीम के बहुत काम आया.

सत्येन्द्र पाल सिंह, वरिष्ठ खेल पत्रकार-

Asia Cup Hockey 2025 : भारत ने राजगीर में हुए पुरुष एशिया कप हॉकी 2025 चैंपियनशिप चौथी बार जीत ली है. इस जीत के साथ ही उसने एफआइएच पुरुष हॉकी विश्व कप 2026 के लिए सीधे क्वालिफाई कर एक बड़ा इम्तिहान पास कर लिया है. हालांकि भारतीय हॉकी टीम के लिए यह जीत ही काफी नहीं है, उसे अभी और चुनौतियों का सामना करना है. विदित हो कि भारत ने पूल ए में अपना तीनों मैच जीता और सुपर चार में पांच बार की चैंपियन रही दक्षिण कोरिया के खिलाफ पहला मैच ड्रॉ खेला. इसके बाद मलेशिया और चीन को हरा वह सुपर चार में शीर्ष पर पहुंचा और एशिया कप के फाइनल में स्थान बनाया. फाइनल मैच में भारत ने कप्तान हरमनप्रीत सिंह के लंबे एरियल पास स्कूप के जरिये दक्षिण कोरिया की मजबूत किलेबंदी को भेद 4-1 की प्रभावी जीत दर्ज की.


भारतीय हॉकी टीम का एशिया कप में खिताबी जीत का कारण ‘स्ट्रक्चर’ पर काबिज रहना और प्रोसेस पर भरोसा करना रहा. भारत ने शुरुआत के दोनों पूल मैचों में चीन और जापान के खिलाफ जिस तरह कड़े संघर्ष के बाद जीत दर्ज की और फिर दक्षिण कोरिया के खिलाफ पहले सुपर चार में बढ़त लेने के बावजूद जब ड्रॉ खेला, तब आलोचकों ने चीफ कोच क्रेग फुल्टन पर उनकी रणनीति को लेकर सवाल उठाये. पर फुल्टन ने बार-बार यही दोहराया कि भारतीय टीम हारे या जीते, वह अपने स्ट्रक्चर पर काबिज रहने के साथ ही गलतियों से बहुत जल्दी सीखती है. ऐसा हुआ भी. शुरुआती संघर्षों से उबरकर वह न केवल फाइनल में पहुंची, बल्कि चैंपियनशिप भी अपने नाम की. विदित हो कि भारत 2023 में भुवनेश्वर और राउरकेला में हुए हॉकी विश्व कप में संयुक्त रूप से नौवें स्थान पर रहा था. इस जीत के बाद भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और चीफ कोच फुल्टन की निगाहें 2026 में बेल्जियम और नीदरलैंड की संयुक्त मेजबानी में होने वाले पुरुष हॉकी विश्व कप में पदक जीतने पर टिक गयी हैं.


भारत के नौजवान स्ट्राइकर अभिषेक नैन ने एशिया कप में छह गोल दागे और ‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट’ बने. सुखजीत सिंह और कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने भी टूर्नामेंट में छह-छह गोल किये. अभिषेक ने तो शुरुआती मैचों में रिवर्स हिट से गोल करने में नाकाम रहने के बाद गोल करने के जो मौके बनाये और पेनल्टी कॉर्नर बनाने पर जिस तरह ध्यान केंद्रित किया, वह भारतीय टीम के बहुत काम आया. इस टूर्नामेंट के बाद अभिषेक, सुखजीत सिंह, मनदीप सिंह, दिलप्रीत सिंह के साथ शिलानंद लाकड़ा भी भारत की अग्रिम पंक्ति में अपनी जगह पक्की कर चुके हैं. वहीं मध्य पंक्ति में अनुभवी मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, राज कुमार पाल की भी टीम में जगह पक्की हो गयी है. रक्षा पंक्ति में बतौर ड्रैग फ्लिकर कप्तान हरमनप्रीत सिंह, बतौर रशर अमित रोहिदास और फ्रीमैन के रूप में सुमित व संजय की जगह भी पक्की है. हालांकि जुगराज सिंह ड्रैग फ्लिकर के रूप में विकल्प तो देते हैं, पर रक्षा पंक्ति में गोलरक्षक कृष्ण बहादुर पाठक के साथ वह भारत की ऐसी कमजोर कड़ी हैं, जिन्हें लेकर चीफ कोच फुल्टन और चयनकर्ता कुछ सोच सकते हैं.


आगामी मैचों की बात करें, तो भारत को अगले वर्ष (14 से 30 अगस्त, 2026 तक) होने वाले पुरुष हॉकी विश्व कप और उसके बाद जापान में होने वाले एशियाई खेलों (19 सितंबर से चार अक्तूबर, 2026 तक) में शिरकत करना है. भारत के लिए विश्व कप में पदक जीतना तो जरूरी है ही, जापान में होने वाले एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना भी आवश्यक है. इन जीतों के साथ ही उसे 2028 के लॉस एंजिल्स ओलिंपिक का टिकट मिल जायेगा. इन दोनों मैचों की तैयारी के लिए भारत के पास लगभग एक वर्ष का समय बाकी है. अभी इस वर्ष भारत को अजलान शाह कप खेलने मलेशिया जाना है और उसके बाद एचआइएल होना है. ऑस्ट्रेलिया के भी भारत आने का कार्यक्रम है. इन सबके बीच एफआइएच प्रो लीग 2025-26 भी शुरू होगा.


भारतीय टीम के लिए एशिया कप जीतना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पहले वह एफआइएच प्रो लीग 2024-25 के यूरोपीय चरण में आठ में से सात मैच में हार के साथ आठवें स्थान पर रही थी. हालांकि इनमें से ज्यादातर मैचों में भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत कलाई में चोट के चलते नहीं खेल पाये थे. एशिया कप से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गयी भारतीय टीम ने चार मैत्री मैचों में भी बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया था. इसे देखते हुए कई हॉकी समीक्षकों और आलोचकों ने भारत के चीफ कोच फुल्टन को हटाने की मांग शुरू कर दी थी. पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने एशिया कप के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे न तो फुल्टन को हटाने की सोच रहे हैं, न ही टीम में किसी बड़े बदलाव की. उन्होंने यह भी साफ किया है कि वे चीफ कोच और चयनकर्ताओं से चर्चा कर विश्व कप और एशियाई खेलों के लिए एक ही भारतीय टीम चुनेंगे. दिलीप की मानें, तो चयनकर्ता भारतीय टीम के चयन में सुझाव दे सकते हैं, परंतु भारतीय टीम चुनने का अंतिम निर्णय चीफ कोच फुल्टन ही करेंगे.
(ये लेखक के निजी विचार हैं.)

Prabhat Khabar Digital Desk
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