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तीसरी लहर से बचाव

हमें हिल स्टेशनों या बाजारों की भीड़ का हिस्सा बनने से बचना होगा. लॉकडाउन में दी जा रही ढील और उमड़ रही भीड़ तीसरी लहर का कारक बन सकती है.

कोविड-19 की तीसरी लहर कब आयेगी? इस सवाल का उत्तर जानने के बजाय हमारा ध्यान इसे रोकने पर होना चाहिए. हालांकि, कुछ देशों में संक्रमण के मामलों में फिर से तेजी आयी है और वायरस के अलग-अलग वैरिएंट चिह्नित हुए हैं. लिहाजा, अनुमान लगाया जा रहा है कि दुनिया के कुछ हिस्सों में तीसरी लहर बननी शुरू हो गयी है. ऐसे में मौसम के पूर्वानुमान की तरह इसे हल्के में लेने की बजाय हमें गंभीर होकर सुरक्षा और बचाव के निर्धारित मानदंडों का अनुपालन करना होगा.

पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने हिल स्टेशनों और बाजारों में बिना मास्क की उमड़ती भीड़ पर चिंता जतायी है. वायरस के म्युटेशन और सभी वैरिएंट की निगरानी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि बढ़ते मामलों से मिलते शुरुआती संकेतों को हमें भांपना होगा. साथ ही स्थानीय स्तर पर ही संक्रमण के फैलाव को रोकना जरूरी है. उन्होंने टीकाकरण में तेजी लाने और जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया. संक्रमण में गिरावट आने के बाद फिर से ब्रिटेन, रूस, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे कुछ देशों के संक्रमण में तेजी देखी जा रही है.

यह हमारे लिए भी चिंताजनक है. दुनियाभर में रोजाना संक्रमण के मामले एक बार फिर चार लाख के करीब पहुंच रहे हैं, जो दूसरी लहर में 29 अप्रैल को दर्ज हुए नौ लाख मामलों के बनिस्बत 40 फीसदी हैं. ब्रिटेन और रूस में रोजाना के मामले क्रमश: 30,000 और 25000 को पार करने लगे हैं. पड़ोसी बांग्लादेश और इंडोनेशिया में संक्रमण में तेजी हमारे लिए भी सतर्कता का संकेत है. भारत में सक्रिय मामले अभी सवा चार लाख से ऊपर बने हुए हैं.

ऐसे में हमें हिल स्टेशनों या बाजारों की भीड़ का हिस्सा बनने से बचना होगा. लॉकडाउन में दी जा रही ढील और उमड़ रही भीड़ तीसरी लहर का कारक बन सकती है. हालांकि, तीसरी लहर क्या दूसरी लहर जितनी घातक होगी, इसके जवाब में आइसीएमआर की गणितीय मॉडलिंग आधारित अध्ययन रिपोर्ट गौरतलब है.

तीसरी लहर की स्थिति बनने में कुछ कारणों का होना जरूरी है, पहला बीते वर्ष संक्रमित हुए लोगों में से एक तिहाई लोग अपनी इम्युनिटी को पूरी तरह खो दें और दूसरा वायरस के उभरते वैरिएंट की रिप्रोडक्टिव दर 4.5 से अधिक हो जाये यानी एक संक्रमित कम से कम चार से पांच लोगों को संक्रमित करे. और, यह स्थिति पूरी तरह दूसरी लहर की समाप्ति के बाद बने. हालांकि, यह लगभग असंभव सा दिखता है. फिर भी, हमें संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए टीकाकरण कार्यक्रम को तेज करना होगा.

देश की बड़ी आबादी को साल के अंत तक वैक्सीन उपलब्ध कराने का लक्ष्य बड़ा है, इसमें राज्यों की भागीदारी अहम होगी. स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं के विस्तार पर दीर्घकालिक योजना के तहत काम करने की जरूरत है. आइसीएमआर के विश्लेषण को अग्रिम अनुमान के बजाय पथ-प्रदर्शक के तौर पर लेना होगा. फिलहाल, हमें वैक्सीन, मास्क, भीड़ से बचाव और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना है, क्योंकि वायरस के बचाव के लिए यही सबसे कारगर उपाय हैं.

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