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सरेंडर नीति समाप्त हो
कुंदन पाहन, एक ऐसा शख्स, जो 128 कांडों का आरोपी है, 70 लोगों का हत्यारा है और न जाने कितने गुनाह किये होंगे उसने. फिर भी उसे इस तरह पेश किया गया, जैसे कोई नेता, हीरो या सेलीब्रेटी हो. हमारे देश के जवानों को मुआवजे के तौर पर एक से पांच लाख रुपये की रकम […]
कुंदन पाहन, एक ऐसा शख्स, जो 128 कांडों का आरोपी है, 70 लोगों का हत्यारा है और न जाने कितने गुनाह किये होंगे उसने. फिर भी उसे इस तरह पेश किया गया, जैसे कोई नेता, हीरो या सेलीब्रेटी हो. हमारे देश के जवानों को मुआवजे के तौर पर एक से पांच लाख रुपये की रकम दे दी जाती है.
वहीं, एक कुख्यात हत्यारे उग्रवादी को सम्मानित कर 15 लाख रुपये का चेक सौंप दिया गया. क्या सरकार के इस फैसले से उन शहीदों के परिवारों को दुःख नहीं पहुंचेगा, जिन्होंने देश और समाज की सुरक्षा के लिए अपने प्राण दे दिये? क्या इससे हमारे देश के युवाओं का आतंकवाद के प्रति मस्तिष्क परिवर्तन नहीं होगा? मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि उस सरेंडर नीति को समाप्त किया जाये, जिसमें एक हत्यारे नक्सली को सम्मानित करने का प्रावधान हो.
रीतू बराहपुरिया, इमेल से
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