देश को महत्व दें
हमारे देश के संविधान में हर धर्म, जाति और संप्रदाय के व्यक्ति को समानता का अधिकार प्राप्त है. सरकारी नियमों में वर्ग भेद को प्रोत्साहित करना दंडनीय अपराध है, लेकिन हमारे व्यावहारिक जीवन में धर्म और जाति के आधार पर समाज में बड़ा दुराग्रह है. यही वर्ग विभेद समाज में भाईचारा समाप्त कर रहा है. […]
हमारे देश के संविधान में हर धर्म, जाति और संप्रदाय के व्यक्ति को समानता का अधिकार प्राप्त है. सरकारी नियमों में वर्ग भेद को प्रोत्साहित करना दंडनीय अपराध है, लेकिन हमारे व्यावहारिक जीवन में धर्म और जाति के आधार पर समाज में बड़ा दुराग्रह है.
यही वर्ग विभेद समाज में भाईचारा समाप्त कर रहा है. हर व्यक्ति को धर्म और संप्रदाय से पहले देश को महत्व देना चाहिए और उसके हितों की रक्षा करनी चाहिए. अगर देश नहीं होगा तो समाज और व्यक्ति भी नहीं होगा. अगर व्यक्ति नहीं होगा तो धर्म कैसे हो सकता है! जरूरत है धर्म की बजाय देश को अधिक महत्व देने की.
श्वेता उपाध्याय, रांची
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