हमारे देश में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं. शास्त्रों के अनुसार धर्म से अभिप्राय मानव जाति से प्रेम करना है. इराक, पाकिस्तान, अफगानिस्तान धर्म की आग में झुलस रहे हैं.
भारत में भी मंदिर-मसजिद जैसे विवाद अभी तक सुलझे नहीं हैं. धर्म के नाम पर हम आपस में आखिर कब तक झगड़ते रहेंगे? हम सबको धर्म की जंजीरों से बाहर निकलकर मानव जाति से प्रेम करना चाहिए. यही सच्ची पूजा होगी.
चंद्रकांत झा, दुमका