17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वेतन आयोग की संस्तुति

सातवें वेतन आयोग द्वारा सरकारी कर्मियों के वेतन में लगभग 23 प्रतिशत की वृद्धि की संस्तुति की गयी है़ आम जनता का पेट काट कर सरकारी कर्मियों के पेट भरने और जनता को सुख देने का मूल उद्देश्य निरस्त हो जाता है़ वेतन आयोग ने संस्तुति दी है कि कर्मी को आरामदेह जीवन जीने के […]

सातवें वेतन आयोग द्वारा सरकारी कर्मियों के वेतन में लगभग 23 प्रतिशत की वृद्धि की संस्तुति की गयी है़ आम जनता का पेट काट कर सरकारी कर्मियों के पेट भरने और जनता को सुख देने का मूल उद्देश्य निरस्त हो जाता है़
वेतन आयोग ने संस्तुति दी है कि कर्मी को आरामदेह जीवन जीने के लिए पर्याप्त वेतन चाहिए़ तो मैं कहता हूं कि रिक्शावाले को आरामदेह जीवन जीने का हक नहीं? पांच हजार रुपये प्रति माह कमानेवाले रिक्शावाले पर टैक्स लगाकर पचास हजार रुपये कमानेवाले सरकारी कर्मियों का वेतन बढ़ाने क्या तुक है?
इससे साफ पता चलता है कि सरकार अमीरों को आगे बढ़ा रही है़ गरीबों को लेकर बस घड़ियाली आंसू बहाने की परंपरा चल रही है़ सरकार की पहली प्राथमिकता गरीबों के कल्याण की होनी चाहिए़ आर्थिक स्थिति को मजबूत करे़ अतः सरकार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में सुधार करना चाहिए़
सुमित कु बड़ाईक, ई-मेल से

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें