शुक्रवार को विधानसभा में हंगामेबाजी हुई़ इसकी जितनी निंदा की जाये, कम है़ यह सिर्फ एक दिन की बा नहीं है़ विपक्षी दल हमेशा से यह हथकंडा अपनाते रहे हैं, जिसके तहत हंगामा कर के सदन की कार्यवाही बाधित कर दी जाती है़
ताकि मौजूदा सरकार ठीक से कार्य ना कर पाये़ क्या आम जनता इसी के लिए नेताओं को विधानसभा तक पहुंचाती है, ताकि सदन में हंगामा करें? ऐसा करनेवाले नेताओं की मानसिकता जनता समझती है़ हमारे नेताओं को यह समझना होगा कि अच्छे कार्य के लिए सत्ता की कोई जरूरत नहीं होती़ बस उन्हें आम जनता की सेवा करते रहनी चाहिए़
पालूराम हेंब्रम, पूर्वी सिंहभूम