7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सब समझने लगी है जनता

वर्तमान में समाज के अंदर हो रहे ध्रुवीकरण की कलई खुलने लगी है. ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ की आड़ में धर्म के आधार पर दीवार खड़ी करना, जनता समझने लगी है. मतदाताओं ने दिल्ली व बिहार में हुए चुनाव समेत कई राज्यों के स्थानीय चुनावो में अपना जवाब दे दिया है. इसलिए अब देश प्रेम बनाम देश […]

वर्तमान में समाज के अंदर हो रहे ध्रुवीकरण की कलई खुलने लगी है. ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ की आड़ में धर्म के आधार पर दीवार खड़ी करना, जनता समझने लगी है. मतदाताओं ने दिल्ली व बिहार में हुए चुनाव समेत कई राज्यों के स्थानीय चुनावो में अपना जवाब दे दिया है. इसलिए अब देश प्रेम बनाम देश द्रोही का खेल चल रहा है. पहले हैदराबाद को चुना गया.
रोहित बेमुला को असामाजिक तत्व घोषित कराया गया. फिर बड़ी ही चतुराई से जेएनयू को चुन कर, भारत माता, छात्रों-शिक्षकों, पत्रकारों व आलोचकों को देश द्रोही कहना शुरू किया गया है. केंद्र भी जानता है कि कन्हैया पर हुए देश द्रोह के मुकदमे में कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकता. उसका मकसद देश में एक माहौल बनाना था. लोगों का ध्यान भटकाना था, ताकि केंद्र की खामियों से आम जनों का ध्यान भंग हो.
-जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें